मधुमय देश बनाना है – डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या”

सुरभित सुंदर संस्कार का अद्भुत देश हमारा है, भगत सिंह, गाँधी सुभाष संग हमने भी दिल हारा है। तरुणाई के प्रखर शौर्य को जनहित में रचने के लिए, इस अवनी…

दोहावली- रामकिशोर पाठक

निर्णायक जन-जन जहॉं, सफल वहीं गणतंत्र। समता जिसके मूल में, भागीदारी मंत्र।। छब्बीस जनवरी शुभद, दिवस हुआ गणतंत्र। संविधान लागू हुआ, जिससे चलता तंत्र।। आज चतुर्दिक दिख रहा, लूट-पाट षड्यंत्र।…

गणतंत्र की शान- अमरनाथ त्रिवेदी

गणतंत्र की शान पर ही, चल  रहा यह  देश है। वैशाली की पावन धरा से, शुभ  मिल  रहा संदेश है। गणतंत्र का अवतरण यहाँ, गणतंत्र की  यह  जान है। इस  महती धरा से जो जुड़ा,…

गणतंत्र महान – रूचिका

एक ध्वज एक राष्ट्र एक गान नियमों का पुलिंदा है संविधान। राष्ट्र हित में एकजुट हो रहे सब, जय जन भारत गणतंत्र महान। विभिन्न भाषा विभिन्न बोली है, विभिन्न हैं…

गणतंत्र भारत की पहचान- सुरेश कुमार गौरव

जन-गण-मन की गूँज हो रही, हर दिशा में शंखनाद हो रही। संविधान की महिमा गाते हैं, विजय पताका हम फहराते हैं। आएँ! शूरवीरों की गाथा गाएँ, देशप्रेम के प्रेरणा दीप…

मनहरण घनाक्षरी- देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

कटक में जन्म लिए, देश हित कर्म किए, देशभक्त थे सुभाष, कर्मनिष्ठ जानिए। माता प्रभावती साथ, पिता जी जानकी नाथ, शिक्षा कर्म में प्रख्यात, दिव्य पुत्र मानिए। हिंद फौज का…

लोकतंत्र के सजग प्रहरी – अमरनाथ त्रिवेदी

लोकतंत्र में  जनता का शासन, जनता ही  इसका  बल  है। हम सब  इसके सजग प्रहरी, यही गणतंत्र का मजबूत संबल है। हर मतदाता का अधिकार सुनिश्चित, यही स्वस्थ लोकतंत्र की खूबी। इसके मत…