करुणा की मूर्ति करुणा की सागर है तू, ममता का गागर है तू। है जगत जननी है तू, सुख दुःख का संताप है तू।। तुम्ही हो ज्ञान कि ज्योति, प्रलय…
हौसलों की उड़ान-भवानंद सिंह
हौंसलों की उड़ान बुझे हुए दीये को फिर से जलाना है, फैले हुए प्रकाश से अज्ञान का तिमिर मिटाना है । खोए हुए आत्मविश्वास को फिर से हमें जगाना है,…
वीर-अवनीश कुमार
वीर वीर तू आगे बढ़ शत्रु पर वार कर शत्रु छद्मरूप धरे बहुतेरे आलस्य, निद्रा, अहम, वहम छल, द्वेष, पाखंड, झूठ क्रोध, ईर्ष्या, अत्याचार नाम है तेरे इनको तू खुद…
वरिष्ठजनों का सम्मान-अपराजिता कुमारी
वरिष्ठजनों का सम्मान वरिष्ठजनों का सम्मान है हमारी संस्कृति की पहचान 👴🏻हर पल हर दम रहे उनके लिए हमारे मन में, घर में, समाज में सेवा सम्मान 👵🏻 समर्पित रहे…
ऐसा हो अपना घर-अनुज कुमार वर्मा
ऐसा हो अपना घर एक ऐसा घर बनायें, जो हमें बाधाओं से बचाए। खुशियाँ जहाँ हो अपार, प्रेम हो जिसका आधार। सबके भाव अनमोल हो, द्वेष और ईर्ष्या का न…
एक दीया-डाॅ. अनुपमा श्रीवास्तव
एक दीया दुनियाँ ने कहा-तू है एक “दीया” तू ही बता तेरी “औकात” क्या? हँसता है तिमिर तुझे देखकर सामने “सूरज” के, तेरी बिसात क्या! जमाने के ताने को “दीये”…
नादान बच्चा-आँचल शरण
नादान बच्चा दिल तो बच्चा है नादान है सच्चा है मूरत मिट्टी का कच्चा है सभी को समझता अच्छा है। न इर्ष्या न द्वेष है न रखता किसी से क्लेश…
मेरा आकलन-स्वाति सौरभ
मेरा आकलन मेरा अंक देख मेरे पंख को , कतर दिया गया। मेरे परीक्षाफल से मेरा आकलन , कर दिया गया।। मेरे दोस्त से भी मेरी, तुलना की गई। उसकी…
चंचल वन में कवि सम्मेलन-निधि चौधरी
चंचल वन में कवि सम्मेलन चंचल वन में मची है अफरा तफरी, चींटी हाथी खेल रहे पकड़ा पकड़ी। कबूतर काका ने उड़ उड़ संदेश सुनाया, कवि सम्मेलन राजा शेर ने…
भारत माँ के लाल-अपराजिता कुमारी
भारत माँ के लाल 2 अक्टूबर 1904, मुगलसराय बनारस में जन्मे भारत मां के लाल माँ रामदुलारी के दुलारे पिता मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव के बहादुर परिवार के सबसे छोटे…