वीर-अवनीश कुमार

वीर वीर तू आगे बढ़ शत्रु पर वार कर शत्रु छद्मरूप धरे बहुतेरे आलस्य, निद्रा, अहम, वहम छल, द्वेष, पाखंड, झूठ क्रोध, ईर्ष्या, अत्याचार नाम है तेरे इनको तू खुद…

वरिष्ठजनों का सम्मान-अपराजिता कुमारी

वरिष्ठजनों का सम्मान वरिष्ठजनों का सम्मान है हमारी संस्कृति की पहचान 👴🏻हर पल हर दम रहे उनके लिए हमारे मन में, घर में, समाज में सेवा सम्मान 👵🏻 समर्पित रहे…

एक दीया-डाॅ. अनुपमा श्रीवास्तव

एक दीया दुनियाँ ने कहा-तू है एक “दीया” तू ही बता तेरी “औकात” क्या? हँसता है तिमिर तुझे देखकर सामने “सूरज” के, तेरी बिसात क्या! जमाने के ताने को “दीये”…

भारत माँ के लाल-अपराजिता कुमारी

भारत माँ के लाल 2 अक्टूबर 1904, मुगलसराय बनारस में जन्मे भारत मां के लाल माँ रामदुलारी के दुलारे पिता मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव के बहादुर परिवार के सबसे छोटे…