आमोद हारी मुरारी- सर्वगामी/ अग्र सवैया छंद – राम किशोर पाठक
आमोद हारी मुरारी सुनो भक्त का, भक्त तेरा तुझे ही पुकारा।
राधा बिहारी धरूँ ध्यान तेरी सदा, आज कोई नहीं है सहारा।।
गोपाल तेरी कहानी पुरानी हुई, आप आओ यहाँ जो दुबारा।
आओ बताओ दिलाओ भरोसा यहाँ, दर्श पाए पुनः लोक प्यारा।।०१।।
माया सताया न आया मुझे याद तू, दोष कैसे इसे मैं उतारूँ।
बाँके बिहारी नहीं दोष मेरा यहाँ, कृष्ण लीला तुम्हारी विचारूँ।।
विश्वास मेरा कभी भी डिगाना नहीं, आश तेरा तुझे ही निहारूँ।
दे दो हमें त्राण कल्याण मेरा करो, श्याम को ही सदा मैं पुकारूँ।।०२।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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