ऐसा परिवार
खुशियां भरी हो आँगन में,
जहां हर सपना साकार हो।
द्वेष-घृणा का स्थान नहीं,
ऐसा अपना परिवार हो।।
प्रेम भाव हो हृदय में,
एक दूजे का साथ हो।
कटुता न आये वाणी में,
ऐसा अपना परिवार हो।।
साथ-साथ मिलकर रहें,
हर एक का विकास हो।
हर्षित मन रहे हमेशा,
ऐसा अपना परिवार हो।।
बच्चे पाएं प्रेम हमेशा,
जहां बड़ो का सम्मान हो।
एकता हो बल जहां पर,
ऐसा अपना परिवार हो।।
रिश्ते बने भावनाओं से,
मिलता उन्हें आकार हो
जुड़े रहें एक दूजे से ,
ऐसा अपना परिवार हो।।
लवली वर्मा
प्रा. वि. छोटकी रटनी हसनगंज
कटिहार
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