छठ की गरिमा -अमरनाथ त्रिवेदी

2  छठ पर्व की गरिमा

वंश   परम्परा    चलती   रहे ,
सुख   से जियें    लोग  सभी ।
कामना   करते छठ  व्रती  यही ,
बन जाए सबकी  बात   सभी ।

जन जन मे ऐसी ज्योति जली  है ,
जो भावों को निर्मल सदा बनाता  है ।
कार्तिक मास का यह पावन पर्व ,
दिल  मे  ढेरों  सुकून  ले आता है ।

बच्चे , बूढ़े सभी तत्पर दिखते  ,
सब मे भाव   प्रवणता  लाता ।
जीवन मे यही   शुद्ध   भाव  ही
मन को  पुलकित भी कर जाता ।

घाटों  पर  इसकी  शोभा   होती  
तरह तरह के प्रसाद चढ़ाए  जाते ।
केला , ठेकुआ , नारियल ,   नीबू  ,
महा प्रसाद  की  याद   दिलाते ।

सूर्योपासना  का   यह  महापर्व ,
अप्रतिम भक्ति भाव  भर देता ।
तन मन मे यह संस्कार जगाकर ,
असीम ऊर्जा संचरित  कर  देता ।

तन , मन ऐसे  सब  दिन शुद्ध   रहे ,
भक्त  अमर नित कामना करता है ।
यह केवल  चार दिन का  न   होकर ,
सालों भर की मंगलकामना करता है ।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व  प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय  बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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