मेरी प्यारी हिंदी – डॉ.अनुपमा श्रीवास्तवा 

“हिंद” देश के वासी हैं हम हिंदी हम सब की बोली है, “माँ” जैसी ही प्यारी हिंदी “माँ” जैसी ही भोली है। पूज्य है जितनी जन्मभूमि उतनी ही प्यारी भाषा…

मैं हिन्दी भाषा हूँ – रीना कुमारी

मैं हूँ हिन्दी भाषा, यही है मेरी परिभाषा, मैं सबके मुख पर रहती, मैं हूँ मातृभाषा मैं हूँ हिन्दी भाषा। मेरी जननी संस्कृत भाषा, जो होती देवों की भाषा, मैं…

हिंदी मधुरिम सरगम है -एम० एस० हुसैन

भाषा की डोरी थामकर चलना सिखाया हिंदी ने भेदभाव को भूलकर है सबको अपनाया हिंदी ने अपनी मधुरता में है सब को नहलाया हिंदी ने हिन्दी के सभी शब्द हैं…