No Party has monopoly over wisdom No Democracy works without opposition Parties which don’t work for all Slowly and steadily have their imminent free fall What you do for the…
Author: Anupama Priyadarshini
मतदान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
हर पाँच सालों पर चुनावी त्यौहार आता, बनाने को सरकार, करें हम मतदान। परिजन मिल कर घर से निकल कर, मतदान केंद्र जाएँ, लेके कोई पहचान। जागरूक मतदाता, देश का…
राम नवमी- दीपा वर्मा
कृष्ण जन्म को कृष्णाष्टमी कहते हैं, राम के जन्म दिन को रामनवमी कहते हैं। दोनों ही भगवान हैं, दोनों ही एक हैं। रामनवमी मना रहे हम सारे सब की जुबां…
कट जाता बंधन- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जलहरण घनाक्षरी छंद एक साथ चारों भाई पालने में झूल रहे, देख मनोहारी छवि, पाया दुनिया का धन। ऐसे रघुवर पर दिल बलिहारी जाए, राजीव नयन पर, है तन-मन अर्पण।…
किस विधि लूं तेरी थाह प्रिय – मनु रमण चेतना
दिल में है सच्चा प्यार मगर , करते क्यों ना इकरार प्रिय। बस सुनने को व्याकुल है मन, क्यों करते हो इनकार प्रिय। तेरी चाहत और अनंत प्रेम का किस…
प्रात:स्मरण- मनु रमण “चेतना”
प्रात काल उठि गुरु – गुरु कहिये! गुरु पुरे का नाम सुमरि के, मन को वश में करिये । यह मन तो है बड़ा खुरफंद, बाहर भागे, रहे स्वच्छंद ,…
सबसे बड़ा धर्म – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जातियों के नाम पर, इंसानों को बाँटा जाता, अक्सर दो जातियों में, होता तकरार है। कई लोग बैठे हुए हैं दुकान खोलकर, हर जगह धर्म के, कई ठेकेदार हैं। जड़…
शरणागत की रक्षा – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
प्रभाती पुष्प जलहरण घनाक्षरी छंद बक्सर में ऋषियों के यज्ञ को सफल किया, अनुज लखन संग, ताड़का को मार कर। सुग्रीव को प्यार किया, बालि का संघार किया, मारीच-सुबाहु जैसे,…
राम का अर्थ मानो रामराज्य- सुरेश कुमार गौरव
हिन्दी मास चैत्र नवमी को, प्रभु श्रीराम ने लिया अवतार पूरी अयोध्या नगरी में, तब छाई खुशियां उल्लास अपार। शुभ अवसर है प्रभु श्रीराम का, सब मिलकर नमन करें पूरी…
अनजान- रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
सुबह सबेरे अनजान मुक्तक-मात्राभार-5-15 सभ्यता के परम शिखर पर, गुंजित संचित है एक नाम, हे प्रभु चैतन्य परमात्मा, आदर्श पर्याय तू राम। भवदीय लकीर खींची जो, सभ्यता पूर्ण समाज की..,…