आओ हम सब मिलकर एक नया प्रयास करें। पृथ्वी भी होती है दुखित, इसका आभास करें।। हम सब तो अपने स्वार्थ में भूल ही बैठे हैं, वनों को ही काटकर…
Author: Anupama Priyadarshini
धरती माँ की पुकार – सुरेश कुमार गौरव
धरती माँ की बेहद करुण कहानी, सुन लो हे मानव! मत करो नादानी। पेड़ कटे, नदियाँ सूखीं, ज़मीन हुई कम, हरियाली की आशा — झूठी दलील दिए तुम।। साँसें बोझिल,…
शहर की चीख – अवनीश कुमार
धक्के खाते लोग, दर-दर भटकते लोग, जहरीली हवा निगलते लोग, सपनों को रौंदते–कुचलते, एक-दूसरे से आगे निकल जाने की चाह में अपराध की सीढ़ी चढ़ते लोग, सुकून की तलाश में…
कुंवर सिंह: बलिदान की गाथा -सुरेश कुमार गौरव
जय-जय वीर कुंवर बलिदानी, भारत माँ के भक्त स्वाभिमानी। अस्सी वर्ष में भी थी ललकार, शौर्य-ध्वजा उठा कर दी यलगार।। शस्त्र उठाया, धर्मयुद्ध रचाया, फिरंगी अंग्रेज़ों को हरकाया। धरती गरजी,…
मिल जुलकर ये प्रण दुहराएं – रूचिका
आओ सब हम मिलजुलकर ये प्रण दुहराएं, हरित धरा के लिए सदा प्रयत्न हम कर जाएं। अनावश्यक पेड़ों की कटाई पर रोक लगे, अपने जीवनकाल में पेड़ अवश्य लगाएं। विकास…
हम सब धरती की संतान हैं – नूतन कुमारी
विश्व को बनाएं सुसंगठित परिवार, अपनी धरा को दें खुशियाँ अपार। हर चेतना में करें नव ऊर्जा का संचार, धर्म और सहिष्णुता का करें विस्तार। धरा की गरिमा, एकमात्र जगत…
पृथ्वी दिवस – राम किशोर पाठक
विषय – पृथ्वी दिवस छंद – कुण्डलिया पृथ्वी दिवस मनाइए, करिए सदा विचार। फैल रहे प्रदूषण का, करना कम रफ्तार।। करना कम रफ्तार, सदा बढ़ते हैं जाना। अधिक लगाकर पेड़,…
हमारी धरती – आशीष अम्बर
पृथ्वी दिवस विशेष धरती है जीवन का आधार , आओ मिलकर करें विचार , मानव क्यों कर रहा निष्ठुर व्यवहार, धरती कर रही अब यही पुकार । पृथ्वी दिवस का…
ॐ ब्रम्ह का स्वरूप – डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या
संगीत प्रकृति का ॐ सुनो, अनहद का यह नाद सुनो। खुद में खुद के होने का भी, सुर सुंदर ओंकार सुनो। कहाँ शुरू यह जीवन होगा, अंत कहाँ है प्राण…
संसार के असली मर्म – अमरनाथ त्रिवेदी
कोई भी कुछ कह ले सुन ले , इस दुनिया में कोई नहीं रह पाया है । जो इस मृत्यु भुवन आया वंदे , कभी चैन नहीं रह पाया है…