छंद – दोहा किरणें आती जो रही, लौटाती उस ओर। सतह परावर्तक सदा, कहलाती वह छोर।। सतह परावर्तन करे, दर्पण उसका नाम। वापस लौटाना सदा, होता जिसका काम।। सतही संरचना…
Author: Anupama Priyadarshini
एक छोटी चिड़िया – नीतू रानी
एक छोटी चिड़िया, तिनका लेके आई। एक- एक तिनके से , सुंदर घोंसला बनाई। घोंसले में दी चार छोटे अंडे, उस अंडे पर बैठ उसे गरमाई। बड़ा हुआ अंडा फूटा…
यह नव वसंत कुछ बोल रहा – अमरनाथ त्रिवेदी
जीवन में अमृत घोल रहा , यह नव वसंत कुछ बोल रहा । कौशल है इसकी छटाओं में , हर वृक्ष है इसकी भुजाओं में । हर रूप है इसकी…
मर्यादा की रास में – राम किशोर पाठक
दोहा छंद मर्यादा की रास में, पंचवटी में राम। शूर्पणखा आकर वहॉं, देख रही अविराम।।१।। सूरत मोहित कर गया, जगी काम की आग। सुंदर छवि लेकर गयी, करने वह अनुराग।।२।।…
वन हैं धरती की पहचान – सुरेश कुमार गौरव
वन हैं जीवन की पहचान, इनसे धरती रहे महान। शुद्ध हवा औ’ निर्मल पानी, इनसे हरियाली मुस्कानी।। पंछी गाते मीठे स्वर गान, वन देते सबको वरदान। फल-फूलों की यह सौगात,…
विश्व विरासत दिवस – राम किशोर पाठक
मनहरण घनाक्षरी सभ्यता का इतिहास, मिले जानकारी खास, करे विश्व एहसास, धरोहर पाइए। अठारह अप्रैल को, संस्कृति संरक्षण को, भूतल उत्खनन को, विचार बनाइए। सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक स्थल रत, ज्ञान…
बिहार: संस्कृति का समृद्ध सार – सुरेश कुमार गौरव
राजगृह की पावन वादियाँ, ऋषियों की तपभूमि, गृद्धकूट की चोटी बोले, बुद्ध की अमिट प्रतीति। सप्तधाराएँ बहती जातीं, गूंजे जहां ज्ञान-विचार, हे मगध! तू गौरव-गाथा, तू भारत का उद्गार। बोधगया…
शिक्षक हूॅं बिहार का – राम किशोर पाठक
शिक्षक हूॅं बिहार का, ज्ञान के विस्तार का। बच्चों का भविष्य मैं, मार्ग हूॅं संसार का।। अलख जगाता रहता, सबमें सदाचार का। बच्चों में विचार का, कक्षा नवाचार का।। प्रतीक…
प्रेम की शक्ति – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
आओ मिल हम गायें सब गीत, है प्रेम की रीत सुहावनी भाई। प्रेम की शक्ति अपार सुनो, इस शक्ति से पार न दूजो है पाई।। ढाई है आखर प्रेम सुनो,…
गीत – श्वेता साक्षी
सबके दिल में मोहब्बत अमन चाहिए मुझको हंसता हुआ इक वतन चाहिए हिंदू मुस्लिम की बातें करे न कोई धर्म के नाम पर यूं मरे न कोई न ही मृतचैल…