जादूगर ध्यानचंद

रूप घनाक्षरी जादूगर ध्यानचंद संगम प्रयाग भाग्य ,खुल गया तब जब, उनतीस अगस्त को, जन्म लिया नवजात। भारत माता की रक्षा,करने को लिए दीक्षा, सेनाओं की सीमा लॉंघ, हॉकी खेल…

हम शिक्षक शिक्षा की तस्वीर बदल देंगे

हम शिक्षक हैं, शिक्षा की तस्वीर बदल देंगे भारत के हर बच्चों की तकदीर बदल देंगे। हम एक नई कहानी लिखेंगे, नया इतिहास बनाएंँगे शिक्षित हो हमारा समाज, ऐसा विहान…

प्राकृतिक आपदा -जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

रूप घनाक्षरी छंद में कभी-कहीं बाढ़ आए, कभी तो सुखाड़ आए, सड़कें मकान सारे, हो जाते हैं जमींदोज़। पहाड़ चटक रहे, बादल भी फट रहे, हर साल कोई नई, आफत…

हे शिव शंकर

हरियालिका व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं हे शिव शंकर शिव की शिवा शिवा के शिव हैं, हैं अनंत घट घट वासी। हे अविनाशी हे शिव शंकर, कृपा करो प्रभु सुखराशी। भाद्र…

सहज फल चाख़ा

सहज फल चाखा विश्व कर्म करे राज रे साधो, कर्म है धर्म का मर्म रे साधो। कर्म बिना नही साथी कोई, कर्म ही मानव धर्म रे साधो। विश्व कर्म करे…

पहचान बचा कर रख लेना

पश्चिमीकरण,औद्योगीकरण और नगरीकरण के बढ़ते प्रभाव के कारण हमारी ग्रामीण संस्कृति की पहचान खत्म होती जा रही है। पाश्चात्य अंधानुकरण की होड़ में हम अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे…

प्रेम पथ

प्रेम-पथ एक मानुष काटता पत्थर अहर्निश, बिन रुके और बिन झुके वह ले हथौड़ा, हौशले को कर रहा मजबूत निशदिन, नियति को बदलने का था उसको भरोसा। पर्वत था खड़ा…

कान्हा तेरी दुनियां

कान्हा तेरी दुनिया कान्हा तेरे प्रेम में दीवानी सारी दुनिया, तेरे ही मुस्कान में खो जानी सारी दुनिया। तू है कान्हा राधा रानी है ये सारी दुनिया कान्हा तेरे नाम…