योग – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

शेक्सपियर सानेट शैली देह का मन से मिलन करिए। प्रभु से नाता मन से जोड़ें। धैर्य नियम को प्रतिदिन धरिए ध्यान आसन की छाप छोड़ें।। योग जीवन सुंदर आयाम कर्म-कुशलता…

योग- धीरज कुमार

मिलता है बहुत मुश्किल से मानव शरीर। गलत दैनिक क्रिया से रोग पालते है गंभीर।। समय रहते योग के महत्व को समझना और समझाना है। अभी भी देर नहीं हुआ…

चलो योग करें- अशोक कुमार

हुआ सवेरा, जल्दी जागो । योग करके, आलस त्यागो।। स्वस्थ रहो, युक्ति अपनाओ । योग करके, फुर्ती लाओ।। शारीरिक जकड़न से, निजात पाओ। योग करके, मिजाज बनाओ।। सारे रोगों से…

बच्चों का अंदाज- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

आने वाले समय की,उसको न चिंता होती, हमेशा वो हर पल, रहता बिंदास है। आँखों में बसा के चित्र, सबको बनाए मित्र, अपना ही हमजोली, आता उसे रास है। मलाई…

प्रेम दिव्य अनुभूति परम है- देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

प्रेम दिव्य अनुभूति परम है आओ हम विश्वास बढ़ाएँ। प्रेम मग्न हों प्रभु को भजकर, अंतर्मन नव भाव जगाएँ। प्रेम पंथ पर पग जो रखते बन जाती है नई कहानी।…

मेघा रे- कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

आ जाओ रे मेघ, इतना मत न इतराओ। उजड़ रहा खलिहान,थोड़ा नीर बरसाओ।। हैं बहुत परेशान,तप रही धरा हमारी। कृपा करो भगवान,हरी भरी रहे क्यारी।। पशु-पाखी बेचैन,सूखे कंठ तड़प रहें।।…

मेरे पापा – अतुल मयंक श्रीवास्तव

मेरे पापा,महान पापा, मेरी दुनिया,जहान पापा। मम्मी ने जन्म दिया, पापा ने पाला है, मम्मी के साथ-साथ, पापा ने भी सम्भाला है। खुद के लिए कभी कुछ नही सोचा, अपने…

पिता- दीपा वर्मा

जीवन की गाडी के दो पहिए हैं माता पिता। माता आन हैं,तो घर की शान हैं पिता। बेटियों के सम्मान हैं ,तो बेटों के आदर्श हैं पिता। परिवार के मुखिया…