सिद्धार्थ रोए थे- एस के.पूनम

🙏कृष्णाय नमः🙏 🌹विद्या:-कवित्त🌹 बुद्ध शुद्ध रूपमान, आते-जाते देखे प्राण, मौन व्रत रख कर,विचारों में खोए थे। हुए कई अवतार, ज्ञानवान करतार, दुखियों को देख कर,सिद्धार्थ रोए थे। प्रीत रीत छोड़…

मेहनत भेल हमर बेकार- नीतू रानी

मेहनत भेल हमर बेकार, ठंडी,गर्मी में खटबेलक बिहार सरकार मेहनत भेल——–2। ठंडी में केलौं हम जाति गणना भेलौं हम बीमार, डाॅक्टर सेअ देखेलौं पैसा खर्चा करलौं करलौं पच्चीस हजार ।…

कवित्त छंंद- एस.के.पूनम

घनघोर घटा छाई, बारिश की बूंदें लाई, धरा ताप भूल गई, देखे आसमान ये। घुमड़-घुमड़ कर, गगन में नाच कर, चमक गरज चले,आए मेहमान ये। नदी-नाले भरे जल, किसान चलावे…

सुहाना मौसम- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

मनहरण घनाक्षरी छंद ठंडी-ठंडी हवा चली, मुरझाई कली खिली, देखो नीला आसमान, काला घन चमके। कोयल की सुन शोर, छाई घटा घनघोर, चारों दिशा झमाझम, वर्षा हुई जम के। काम…

श्रमिक की व्यथा-कथा- सुरेश कुमार गौरव

मैं भी शान से जीना चाहता हूं मेहनत की रोटी कमाता हूं, दृढ़ शौक है मेरे भी कुछ, बच्चों को खूब पढ़ाना चाहता हूं, लेकिन कभी अप्रवासी बनकर बिलकुल बेगाने…