कोरोना काल की व्यथा साधारण वर्ग की व्यथा परेशानी और महंगाई पर आधारित स्वरचित गीत। शीर्षक- कोरोना काल की व्यथा जहिया सेअ एलअ सुख चैन छीनलेए रे कोरोनमा जहिया से…
Author: Anupama Priyadarshini
मनहरण घनाक्षरी- एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विद्या:-मनहरण घनाक्षरी काव्य पथ पर चला, अक्षरों को जोड़-जोड़, प्रेम गीत लिख दिया,शब्दों को सजाइके। विचारों में डूब कर, तूलिका पकड़ कर, थमा नहीं,रुका नहीं,भावों को जगाइके। दिवा…
तमाल छंद -सुधीर कुमार
तमाल छंद मात्रा — 19 अंत – गुरु लघु संकट में है साथ निभाते मित्र । होते है ये अच्छाई के चित्र ।। मित्र हमारे हरदम रखते ध्यान । दुख…
बदल रहा है आज जमाना- मीरा सिंह “मीरा”
नया दौर है नया तराना बदल रहा है आज जमाना।। गुजर गया वो दौर पुराना बेटी बोझ कहीं जाती थी। इल्जामों के बोझ तले वह घर में भी सहमी रहती…
बचपन की नादानी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
कुछ शरारतें और नादानी याद जाती अपनी शैतानी, कभी सोचकर शर्म के मारे आ जाता आंखों में पानी। धमाचौकड़ी खूब थे करते गिरने पर आहें थे भरते, भैया,पापा,चाचा के अलावे…
सफलता कीमत मांगे- डॉ स्वराक्षी स्वरा
सुनो ! सफलता कीमत मांगे बात बात पर मत रोना ।। मुरझाए जो पुष्प तो देखो डाली से गिर जाता है सूखा पत्ता झर जाए तो कोई नहीं उठाता है…
हमें किताब चाहिए- स्मिता ठाकुर
सुन लो सर जी,सुन लो मैडम ना खाना चाहिए ना पोशाक चाहिए… बस समय से हमको किताब चाहिए।। अप्रैल से शुरू होती है पढ़ाई…बिना किताब करूँ क्या खुद से लड़ाई??…
चलना है थोड़े -थोड़े- धीरज कुमार
हैं पग- पग पर रोड़े। चलते रहना है थोड़े -थोड़े।। बढ़ते कदम अब रुकने वाले नहीं है। इरादे मजबूत रखे चले कितने भी कोड़े।। है बुलंद इच्छाशक्ति पत्थर सी। चला…
मैं बिहार हूं- एम० एस० हुसैन
बाल्मीकि का मैं रामायण हूं एस० एच० बिहारी मैं गायन हूं बहादुर और बिस्मिल्लाह की वाद्य यंत्रों का सदा मैं वादन हूं पटना हुआ मेरा हृदय स्थली मैं ही भारत…
बिहार दिवस- नीतू रानी
आओ बच्चों आओ बिहार दिवस मनाएँ, नाचो झूमो गाओ खुशियों का दीप जलाएँ। आओ बच्चों———२। आओ जाने बिहार का नाम बिहार कैसे पड़ा भगवान बुद्ध के शिष्य बिहार करने निकले…