लाल रंग – मनु कुमारी

मुझे लाल रंग भाता है। क्योंकि यह रंग है- मेरी खुशियों का, इन हसीन वादियों का। तुम्हारी बेपनाह चाहतों का, रिश्तों की गर्माहटों का। यह रंग है अंधेरों में उजास…

वटवृक्ष की पत्नी कहती है – नीतू रानी

वटवृक्ष की पत्नी कहती है क्या यही है वटसावित्री का त्योहार, जिस त्योहार में महिलाएँ करती है दूसरों के पति से प्यार। बार -बार महिलाएँ कर रही बहुत बड़ा अपराध…

पर्यावरण दिवस – एस.के.पूनम।

🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 मनहरण घनाक्षरी पर्यावरण दिवस(ठान लिया मन है) बढ़ रहा तापमान, धरा सहे अपमान, सांसे ले ठहर कर,प्राण वायु कम है। अरण्य सिमट रहा, घोंसला उजड़ रहा, रेतों…

वट सावित्री – एस.के.पूनम

त्याग की मूर्ति है नारी, खुशियाँ देती हैं सारी, दिलाती है पहचान,सब कुछ त्याग कर। मायका को छोड़ आती तन,मन,धन,लाती, गागर भरती रही,हृदय में प्रीत भर। जीवन में संग तेरे,…

दुनिया हैरान है – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

जीव-जंतु परेशान, बढ़ रहा तापमान, अब भी तो चेतो भाई, कहाँ तेरा ध्यान है? धरती सिमट रही, आबादी से पट रही, हरियाली बिना धरा, हो रही विरान है। गर्मी रोज़…

गर्मी से बचकर – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

इस बार मौसम का अलग नजारा दिखे, दोपहर साँय-साँय, हवा चले कसकर। धूप की लपट बीच जलता है अंग-अंग, तपन चुभाए बिष, नागिन सी डँसकर। पानी भी पसीना बन उड़…