रेणु उद्यान में पुस्तक मेला लगा है चलो हम सब करें पुस्तक दान, हर पंचायत में हो एक पुस्तकालय पढ़ेंगे वहाँ बच्चे बूढ़े जवान। राहुल कुमार डीएम साहब के द्वारा…
Author: Anupama Priyadarshini
पुस्तक सच्ची मित्र हमारी -मीरा सिंह “मीरा”
भला बुरा सबको समझाती हल्का करती हर दुख भारी। हाथ पकड़कर राह दिखाती पुस्तक सच्ची मित्र हमारी।। हर बाधा से हमें बचाती यह जीने का हुनर सिखाती। जब गहराता गहन…
किताब -मो.मंजूर आलम
खाली अलमारियों को किताबों से भर दो, बैठो कभी तन्हा तो निकाल कर पढ़ लो। हो मन उदास तो- उठा लो कोई गीत गजल चुटकुले कहानियों की किताब… पढ़ भगा…
बाल घनाक्षरी -जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
बच्चे करें भागदौड़, जैसे होता घोड़ा दौड़, कोई कीत-कीत कोई, खेलता कबड्डी है। किसी की कमीज ढ़ीली, नया जूता पैंट नीली, कोई पेन्हें कोट-शर्ट, कोई पेन्हें चड्डी है। बिना चक्का…
प्रारंभ -अदिती भुषण
वो शाम सुहानी जाते जाते, कर गई रूहानी जाते जाते। संदूक में दबा कर रखा था, जिन जज़बातों को हमने कभी, न जाने कैसे खुल गई जाते जाते। कितना कुछ…
श्रुति सम भिन्नार्थक शब्द -सुधीर कुमार
अंश मतलब हिस्सा होता, अंस का मतलब कंधा शूर मतलब वीर है होता, सूर का मतलब अंधा मीत का माने सबसे प्यारा, मित्र का अर्थ है साथी हस्त का अर्थ…
दोस्ती – दीपा वर्मा
दोस्ती कोई स्वार्थ नही , एक विश्वास होती है..। एहसास से बना एक रिश्ता , जो बहुत खास होती है। लाखो मे कुछ खुशनसीब होते है, जिनहे सच्ची दोस्ती नसीब…
दुर्बल -जयकृष्णा पासवान
दुर्बल को ना सताईये, जाकी माटी होय । दुर्बल जग शीतल करे, आपहु शीतल होय।। मधुर वचन से जग लुभा, कठोर वचन अहंकारी। जैसे धू-धू समा जले, तीनों कुल विनाशकारी।।…
कर्मपथ – अमरनाथ त्रिवेदी
जहाँ चाह है ; मंज़िल वहीं है , इसे न भूलें हम सभी । माना पथ में संकटे अनेक , पर हम न भागेंगे कभी । कर्म के सुमेल से…
कर्मगति -अमरनाथ त्रिवेदी
यहाँ काल के कपाल पर , निज कर्म अमिट होता गया । जो स्वप्न में धरे रह गए , वह सर्वस्व स्वाहा हो गया । निज को सुधार सँवार लो…