शिव स्तुति-लवली वर्मा

शिव स्तुति हे शिव शंकर, हे अन्तर्यामी, जय महादेव शिव ओंकार। तुम हो सारे जग के स्वामी, हर लो हमारे सारे विकार।। देवों के देव, हे त्रिपुरारी, महाकाल हे शिव…

स्तनपान आवश्यक एवं सुरक्षित-लवली वर्मा

स्तनपान आवश्यक एवं सुरक्षित स्तनपान है अति आवश्यक, शिशुओं को मिलता है पोषण। अति स्वादिष्ट एवं सुपाच्य, आहार है यह सर्वोत्तम। माँ का दूध है अमृत, मिलती जिससे शक्ति है।…

योग एक संकल्प-लवली वर्मा

योग एक संकल्प करें योग, रहें निरोग स्वस्थ रहना संकल्प है। योग बिना जीवन अधूरा योग एकमात्र विकल्प है। योग लाता है परिवर्तन मनुष्य के व्यवहार में पूर्णता लाकर मनुष्य…

सतरंगी प्रकृति-लवली वर्मा

  सतरंगी प्रकृति रंगों से भरी है प्रकृति, मनभावन सुंदर अति। नीले नभ में उड़ते खग, कर देते हैं हमें स्तब्ध। पेड़ों की पत्तियां हरी, टहनियों संग जोड़े कड़ी। रंग-बिरंगे…

सुख दुःख-लवली वर्मा

सुख दुःख संघर्ष भरे इस जीवन में, सुख-दुःख आते जाते हैं। कभी पुष्प से खिलते हम, दुःख से कभी मुरझाते हैं। क्षण आता है कभी ऐसा, विचलित हम हो जाते…

प्रभु-लवली वर्मा

  प्रभु तुम हो, तुम्हीं हो प्रभु मेरे पालनहार। आशिष तुम्हारी पाकर, सपना किया साकार। विचलित होती थी जब, करती तेरी आराधना। तेरी छवि को देखकर पूरी होती मेरी प्रार्थना।…