मैहर वाली मैं हर दें गर- राम किशोर पाठक

गीत सुख में जाए दिन-रात गुजर।मैहर वाली मैं हर दें गर।। सुंदर मनहर गीत लिखा है।माता से निज प्रीत लिखा है।।शब्दों का नवनीत लिखा है।भक्ति भावना रीत लिखा है।।आनंदित करता…

बेटा का अधिकार – जैनेन्द्र प्रसाद

बेटा का अधिकाररूप घनाक्षरी छंद में जनता है आती याद,हर पांँच वर्ष बाद,नेता की है आस टीकी, आपके इंसाफ पर। कहते हैं माई-बाप,मलिक हैं मेरे आप,कृपा कर एक वोट, दे…

कोशी के पार लौटती नाव- अवधेश कुमार

कोसी के पार लौटती नाव : नाविक की दर्द भरी दास्तान नाविक चल पड़ा धीरे-धीरे,हवा के संग, उम्मीदों की ओरगहरे जल की गोद में छुपे,वापसी की आस हर छोर। सालों…

विवशता में सिसकते हैं -एस के पूनम

विधा:-विधाता छंद।व्यंग।(विवशता में सिसकते हैं ) चुनावों के समय पर ही,प्रजा की याद आती है। करे वादें सभाओं में,प्रजा सुनकर लुभाती है। बिछाया जाल शब्दों का,ललक जो खींच लाती है।…

मतदान है लोकतंत्र की जान – अवधेश कुमार

जनता की ताकत, जनता की शान,मतदान है लोकतंत्र की जान। हाथों में है शक्ति अपार,एक वोट बदल दे देश का जनाधार । लोकतंत्र का मंदिर यही,जहाँ होती जनता की जवाबदेही…

एक जमाना था – राम बाबू राम

एक जमाना थाजब बच्चे गिल्ली-डंडा खेला करते थे। एक जमाना थाजब बच्चे दादी की कहानियां सुना करते थे। एक जमाना थाजब बच्चे पेड़ों से लटक कर झुला, झुला करते थे।…

छठ पूजा -जैनेन्द्र प्रसाद रवि

रूप घनाक्षरी छंद में श्रद्धा रख नर-नारी,सालों करते तैयारी,लोक आस्था का है चार दिवसीय अनुष्ठान। सूरज का ध्यान धर-करते हैं पूजा-पाठ,नदियों या तालाबों में, करते हैं अर्घ्य दान। स्वच्छता का…

महिमा तोहर अपार – राम किशोर पाठक

महिमा तोहर अपार – छठ गीत विनती करीं स्वीकार, हे छठी मैया।महिमा तोहर अपार, हे छठी मैया।। कैसे हम परेशान, रहीला हर-पलबनकर सदा नादान, रहीला पल-पलरहे लालसा अपार, हे छठी…

नहाय खाय – राम किशोर पाठक

बाल कविता रोज नहाकर खाती अम्मा।आज अलग इठलाती अम्मा।।अम्मा बोलो कौन खता है?कारण मुझको नहीं पता है। सुर्य देव का व्रत समझायी।आज नहाय-खाय बतलायी।।लकड़ी पर ही जिसे पकायी।दिनकर को थी…