गीत सुख में जाए दिन-रात गुजर।मैहर वाली मैं हर दें गर।। सुंदर मनहर गीत लिखा है।माता से निज प्रीत लिखा है।।शब्दों का नवनीत लिखा है।भक्ति भावना रीत लिखा है।।आनंदित करता…
Author: PRIYANKA PRIYA
बेटा का अधिकार – जैनेन्द्र प्रसाद
बेटा का अधिकाररूप घनाक्षरी छंद में जनता है आती याद,हर पांँच वर्ष बाद,नेता की है आस टीकी, आपके इंसाफ पर। कहते हैं माई-बाप,मलिक हैं मेरे आप,कृपा कर एक वोट, दे…
कोशी के पार लौटती नाव- अवधेश कुमार
कोसी के पार लौटती नाव : नाविक की दर्द भरी दास्तान नाविक चल पड़ा धीरे-धीरे,हवा के संग, उम्मीदों की ओरगहरे जल की गोद में छुपे,वापसी की आस हर छोर। सालों…
विवशता में सिसकते हैं -एस के पूनम
विधा:-विधाता छंद।व्यंग।(विवशता में सिसकते हैं ) चुनावों के समय पर ही,प्रजा की याद आती है। करे वादें सभाओं में,प्रजा सुनकर लुभाती है। बिछाया जाल शब्दों का,ललक जो खींच लाती है।…
मतदान है लोकतंत्र की जान – अवधेश कुमार
जनता की ताकत, जनता की शान,मतदान है लोकतंत्र की जान। हाथों में है शक्ति अपार,एक वोट बदल दे देश का जनाधार । लोकतंत्र का मंदिर यही,जहाँ होती जनता की जवाबदेही…
एक पेड़ मां के नाम – अवधेश कुमार
🌿 एक पेड़ माँ के नाम 🌿 माँ की ममता धरती पर आयी,हरियाली संग खुशियाँ लायी । जिसकी छाया में सबको सुकून मिले,थकान न हो जिसके फूलों के तले। वो…
एक जमाना था – राम बाबू राम
एक जमाना थाजब बच्चे गिल्ली-डंडा खेला करते थे। एक जमाना थाजब बच्चे दादी की कहानियां सुना करते थे। एक जमाना थाजब बच्चे पेड़ों से लटक कर झुला, झुला करते थे।…
छठ पूजा -जैनेन्द्र प्रसाद रवि
रूप घनाक्षरी छंद में श्रद्धा रख नर-नारी,सालों करते तैयारी,लोक आस्था का है चार दिवसीय अनुष्ठान। सूरज का ध्यान धर-करते हैं पूजा-पाठ,नदियों या तालाबों में, करते हैं अर्घ्य दान। स्वच्छता का…
महिमा तोहर अपार – राम किशोर पाठक
महिमा तोहर अपार – छठ गीत विनती करीं स्वीकार, हे छठी मैया।महिमा तोहर अपार, हे छठी मैया।। कैसे हम परेशान, रहीला हर-पलबनकर सदा नादान, रहीला पल-पलरहे लालसा अपार, हे छठी…
नहाय खाय – राम किशोर पाठक
बाल कविता रोज नहाकर खाती अम्मा।आज अलग इठलाती अम्मा।।अम्मा बोलो कौन खता है?कारण मुझको नहीं पता है। सुर्य देव का व्रत समझायी।आज नहाय-खाय बतलायी।।लकड़ी पर ही जिसे पकायी।दिनकर को थी…