माहवारी औरतों के लिए ईश्वरीय वरदान। माहवारी ईश्वर ने दिया औरतों को यह वरदान। जिससे हर घर में खेल रहा है सुंदर प्यारा शिशु संतान।। जो महिला को ईश्वर ने…
Author: Ram Kishor Pathak
मैं हूॅं माहवारी – मनु कुमारी
मैं हूँ माहवारी! मैं हूँ ईश्वर का वरदान । मैं बढ़ाती हूँ नारी का मान।। संतान सुख का मैं राह बनाती। माँ बनने का सौभाग्य दिलाती।। मैं न हूॅं अभिशाप…
रक्त की रेखा – अरुण कुमार तिवारी
“रक्त की रेखा” हर माह वो सहती है, चुपचाप सी पीड़ा। न पेट कहे कुछ, न पीठ की धारा धीमा। कमर झुकती जाती है, मन भी भारी होता। फिर भी…
पकड़े उन्हें न बीमारी – लावणी छंद गीत – राम किशोर पाठक
पकड़े उन्हें न बीमारी – लावणी छंद गीत आओं समझे हम नारी को, जिनकी महिमा है भारी। सृजन हमारा जिनसे होता, पकड़े उन्हें न बीमारी।। इनकी जैविक संरचना है, अलग-अलग…
बचपन में जो नहीं पिटाया- रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
बचपन में जो नहीं पिटाया बचपन में जो नहीं पिटाया, उसका है इतिहास नहीं। निज घर में पिंजरबद्ध हुआ,उसका है इतिहास कहीं।। बचपन के पनघट पर जाकर,घोंघे मोती पातें हैं।…
माँ की सीख- स्रग्विणी छंद – राम किशोर पाठक
स्रग्विणी छंद आधारित माँ की सीख- बाल सुलभ रोज माँ टोकती है सुधारो इसे। दोष तूने किया है निहारो इसे।। भूल कोई उसे है सुहाता नहीं। रोज मैं भी उसे…
संस्कारों का संगम- सुरेश कुमार ‘गौरव’
“संस्कारों का संगम” संयुक्त कुल की छाया में, बचपन बुनता स्वप्न सुनहरे। दादी की गाथा, दादा की सीख, संस्कार बिखरें प्रेम मनहरे। चाचा की डाँट, चाची का स्नेह, सब मिलकर…
आँचल मैं भर लूँ- स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
आँचल मैं भर लूँ मैं सावित्री बन ईश्वर से , पिय प्राण वरण कर लूँ। मैं काल के नियमों को भी, प्रण से ,आज शमन कर लूँ। मैं अपने साहस…
वट-सावित्री – दोहा छंद – राम किशोर पाठक
वट- सावित्री – दोहें खास अमावस ज्येष्ठ को, मिलता ऐसा योग। पति की रक्षा कर सके, नारी निज उद्योग।।०१।। सती शक्ति भूषण सदा, नारी का सम्मान। जिसके आगे हैं झुकें,…
हम नन्हें-मुन्हें बालक हैं – अमरनाथ त्रिवेदी
हम नन्हें-मुन्हें बालक हैं हम नन्हें-मुन्हें है बालक, दिल के बहुत हीं भोले। कोई पूछता जब हमसे, हैं बन जाते बड़बोले।। जागने से सोने तक, निश्चित क्रम है होता। पढ़ने के विषय जितने,…