वर्षा और सावन सावन आया बड़ा सुहावन , लगता है इसमें मनभावन । इस माह होते कई पावन , ये दिल को लगते बड़े सुहावन ।। मेघ गर्जन होते हैं…
Author: Ram Kishor Pathak
अकेलापन- गिरींद्र मोहन झा
अकेलापन जीवन की रणभूमि में हम सब अकेले हैं, सुख-दुख बांटने हेतु ही इस जग के मेले हैं, जब पड़ जाओ अकेला तुम, सोचो अकेले ही काफी हो, है तुम्हारा…
जीवन का क्या मोल है – महाचण्डिका छंद गीत – राम किशोर पाठक
जीवन का क्या मोल है – महाचण्डिका छंद गीत सुख की इच्छा में फँसा, विवश हुआ वह मौन है। जीवन का क्या मोल है, यहाँ समझता कौन है।। दे हाथों…
मुंशी प्रेमचंद विलक्षणता के प्रतीक – अमरनाथ त्रिवेदी
मुंशी प्रेमचंद विलक्षणता के प्रतीक कौन भूल सकता है प्रेमचंद को , जिनकी मार्मिक इतनी कृति है । ग्राम्य जीवन के सुख दुख भरे डगर की , उस वर्णन में…
जीवन – गिरींद्र मोहन झा
जीवन दिन और वर्ष की तरह ही होता है जीवन, दिन में सूर्य उदित होते अरुणिमा के संग, सुबह का सुहावना होता पल, जैसे बालापन, ओज-तेज बढ़े तो मानो जैसे…
कलम का सिपाही- मुक्तक – राम किशोर पाठक
कलम का सिपाही- मुक्तक कलम का कोई सिपाही है कहा। मुफलिसी आटा गिला करता रहा।। चाँद तारे रौशनी करते रहें। राय धनपत जुगनुओं को हीं गहा।।०१।। निर्मला सेवासदन ने कुछ…
श्रावणी पर्व -रत्ना प्रिया
श्रावणी पर्व श्रावणी पर्व है अति पावन, मिलकर सभी मनाएँ, रक्षाबंधन के धागे यह महत्व हमें समझाएँ । शिव की कृपा लेकर आता है यह श्रावण प्यारा, शिव-भक्ति शिव-महिमा से…
नाता अटूट है – गिरींद्र मोहन झा
नाता अटूट है- बहन और भाई, रेशम का धागा औ’ भाई की कलाई, बहन के लिए क्या-क्या सौगातें आयीं, प्रेम की, रक्षा की, कितनी खुशहाली छायी, राखी के ऋण से…
भाई बहना संग में- महाधरणी छंद गीत- राम किशोर पाठक
भाई बहना संग में- महाधरणी छंद गीत महिमा जिसकी गा रहे, लाया वह मनुहार है। प्रेम भरा अनुराग ले, आया यह त्यौहार है।। रिश्ते होते हैं बँधे, सदा प्रीत की…
उम्मीदों का फूल खिलाने सावन आया- कुण्डलिया – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’
उम्मीदों का फूल खिलाने सावन आया: कुंडलिया “”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””‘”” आया सावन झूमकर, हर्षित हुए किसान। हरी-भरी यह भूमि हो, यही हमारी आन।। यही हमारी आन, सदा गुण ऊर्जा भरिए। रिमझिम सौम्य…