*बाल मनुहार* मां यह मुझे बता दे!आसमान क्यों है नीला कैसे उड़ लेती है चिड़ियां इस नील गगन में ऊपर झरनों में आता जल किधर से जो बहती है कल…
Author: Swarakshi Swara
पुरुष होना आसान नहीं…मनु कुमारी
जिम्मेदारी का बोझ उठाए।अपने नींद और चैन गंवाए।वो मेहनत करें आराम नहीं ।पर मिलता उसे सम्मान नहीं ।सुनो!पुरुष होना आसान नहीं। मिलते हैं उसे कई उपनाम ।बुजदिल,नकारा,जोरू का गुलाम। डरपोक,नालायक…
शिक्षा का दीप…राम किशोर पाठक
शिक्षा का दीप जलाना है- गीत अब सबको राह दिखाना है। शिक्षा का दीप जलाना है।। चाहत सबकी नभ को छूना । शंकाओं का हल हो दूना।। अनपढ़ का रोग…
प्रकाश..राम किशोर पाठक
प्रकाश- अनंद छंद गीत (मात्रिक १२-१२-१२-१२, १२-१२-१२) सुमन यहाँ विछा रहें, पथिक चलो अभी।प्रदीप हम जला रहे, उदास क्यों सभी।। प्रयास लक्ष्य साधता, कदम बढ़ा जरा।सफल वही बना सदा, कभी…
घर में आकर.. राम किशोर पाठक
घर में आकर- वासुदेव छंद गीत अपनों से जब, नैन मिले।घर में आकर, चैन मिले।। दौड़ लगाकर, थक जाते।दुनिया की सुन, झल्लाते।।आकर आँगन, रैन मिले।घर में आकर, चैन मिले।।०१।। धन…
दुविधा…राम किशोर पाठक
मनहरण घनाक्षरी दुविधा में हम पड़े,अपनी ही जिद अड़े,अधिकारी पास खड़े, होते परेशान हैं।साथी सारे कह रहे,लेन-देन कर कहे,चैन आप सब गहे, बने क्यों नादान हैं।रास मुझे आती नहीं,राज यह…
पहिले करु मतदान..मनु कुमारी
भैया ग्यारह नवंबर कय मतदान करू यौ ।पहिले करू मतदान तखन जलपान करू यौ। लोकतंत्र के ई अछि पाबनि महान।परिवार संग मिली करू मतदान ।भैया राष्ट्र सुरक्षा पर धिआन धरू…
चुनाव कराते हैं…
चलो एक बार फिर सेनई सरकार से मिलाते हैं,लोकतंत्र के इस पर्व कोउत्सव की तरह मनाते हैं,चलो… चुनाव कराते हैं! प्रकृति के दो सुंदर चक्रों में,जहाँ आदि है और अंत…
युग का प्रभाव..जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद में *******************मूर्ति को तो माता कह- आरती उतारते हैं,अपनी माता को कटु, बोलते वचन हैं। घर पर कमरे में- पेड़ पौधे लगाते हैं, कारखाने हेतु रोज, कटते…
इच्छा..बैकुंठ बिहारी
संसार में आते ही शुरू होती है… इच्छाबड़े बुजुर्गों,सगे-संबंधियों के बीच पनपती है यह इच्छा…समाज में जाकर फलती फूलती है यह इच्छा भोग विलासिता को जन्म देती है यह इच्छा।काम-…