खेलना, मस्ती करना, बड़े-बड़े ख्वाब देखना,
पढ़ाई करना, जिज्ञासु प्रवृत्ति का हो जाना,
बड़े-बड़े सपने देखना, पर धरातल से सदा जुड़े रहना,
समय पर पढ़ाई-लिखाई करना, सहयोग भावना रखना,
अच्छी बातों का अनुसरण करना, स्वावलंबी बनना,
घर के छोटे-छोटे काम करना, छोटे-छोटे दायित्व उठाना,
पढ़ाई, खेल आदि में अव्वल आने की तीव्र स्पर्धा रखना,
ईश्वर की दी हुई विशेष विधा का भी निरंतर रियाज करना,
पढ़ना-लिखना, खुद में सब काम करने का हुनर पैदा करना,
समय का महत्व देना, देशभक्ति के गुण खुद में विकास करना।
…..गिरीन्द्र मोहन झा
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