सर्व मंगल कामना ले, आज सारे भक्त।
आ गयी जब मात घर में, बदल देगी वक्त।।
शरद का नवरात्र आया, हर्ष छाया गेह।
बाटती है आज माता, हर किसी को नेह।।
लाल चुनरी ओढ़ने से, लालिमा ले भाल।
ओढ़हुल के फूल को हम, दे चरण में डाल।।
हाथ जोड़े ध्यान करते, संग लेकर थाल।
हाथ माता परशु धारी, काल के भी काल।।
कौन अपना है हमारा, ढूँढता संसार।
दिल जिसे अपना सके भी, और पाएँ प्यार।।
दूर चिंता हो गयी अब, पा गया सौगात।
पार भव सागर करेंगे, मिल गयी जब मात।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला
बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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