रंगोत्सव की राधा- रसधारा- सुरेश कुमार गौरव

बरसाने की गलियों में, आज खिला है रंग, बृज की माटी महक रही, प्रेम भरा है संग। राधा संग गोविंद खेले, स्नेह भरा है फाग, गुलाल-गुलाबी उड़ चले, छेड़ें प्रेम…

होली का त्योहार है अनुपम- अमरनाथ त्रिवेदी

सब मिलकर हम गाना गाएँ, होली पर्व  खूब  मनाएँ। नई उमंग के नए दौर में, जरा मन से  मैल भगाएँ। आज नहीं कोई ऊँचा नीचा, खेलें  दिल   से   होली। सबके  वसन  भींगे  होते हैं, हर हाथ में होती  झोली। अपनों संग…

वो होली का अंदाज़ कहाँ -अवनीश कुमार

अब वो फनकार कहाँ, अब वो रंगों का चटकार कहाँ, अब वो अल्हड़-सी शरारतें कहाँ, अब वो फाल्गुन का अंदाज़ कहाँ? अब वो ढोल-मंजीरा सजी शाम कहाँ, सजी महफ़िल में…

होली का त्योहार है आया- आशीष अम्बर

होली का त्योहार है आया, खुशियों की सौगात है लाया। सँग रंगों की उड़ान है लाया, होली का त्योहार है आया। लाल,गुलाबी,नीली,पीली, रंगों की बरसात है लाया। ढोल, मंजीरे और…

वसंत- शैलेन्द्र भूषण

पुलकित नवीन किसलय ले नित कहता नयी कहानी मानवता की दुर्दशा देख उसकी भी खो गयी जवानी। सुरभित पवन से करता फागुन वसंत आगमन की तैयारी लाल, पीले, नीले फूलों…

शक्ति रूप है सारी नारी – रामकिशोर पाठक

शक्ति रूप है सारी नारी – लावणी छंद गीत धरती से अम्बर तक जिसकी, धर्म ध्वजा लहरायी है। शक्ति रूप है सारी नारी, पूरी सृष्टि समायी है।। दादी, नानी, चाची,…

नन्ही आँखों में सपनों का जहाँ- सुरेश कुमार गौरव

भोली-सी आँखों में, सपनों का जहाँ है, निःस्वार्थ हंसी में, प्रेम अनंत यहाँ है। आशा के दीपक से, रौशन हैं राहें, बाल मन के रंग में, उजली हैं चाहें। ज्ञान…