मनहरण घनाक्षरी मृगराज सी हुँकार, चमकती तलवार, अंग्रेजों को ललकार, किए जो कमाल थे। उम्र अस्सी किए पार, यौवन सी स्फूर्ति धार, रविसुत हो सवार, बने जो विकराल थे। गोली…
Category: दिवस
मिल जुलकर ये प्रण दुहराएं – रूचिका
आओ सब हम मिलजुलकर ये प्रण दुहराएं, हरित धरा के लिए सदा प्रयत्न हम कर जाएं। अनावश्यक पेड़ों की कटाई पर रोक लगे, अपने जीवनकाल में पेड़ अवश्य लगाएं। विकास…
हम सब धरती की संतान हैं – नूतन कुमारी
विश्व को बनाएं सुसंगठित परिवार, अपनी धरा को दें खुशियाँ अपार। हर चेतना में करें नव ऊर्जा का संचार, धर्म और सहिष्णुता का करें विस्तार। धरा की गरिमा, एकमात्र जगत…
भीमराव अम्बेडकर – नीतू रानी
भारत के ये वीर सपूत, जिसने मिटाया छुआछूत। रामजी मालोजी सकपाल के थे सुपुत्र भीमाबाई के थे चौदहवीं पुत्र। गरीब परिवार में लिए अवतार, व्यक्तियों में बन गए वो खास।…
होलिका दहन- संजय कुमार
हर नुक्कड़ और चौराहे पर साल में एक बार खड़ा होकर पूछ रही है होलिका। हर साल मुझे जलाने का मतलब क्या हुआ? दिल में शैतान तुम पाले हो और…
होली- शैलेन्द्र भूषण
होली को जनमानस में किया जिन्होंने लोकप्रिय श्री कृष्ण का इस जग पर ऐसा उपकार है होली, रंगों का त्योहार है। ऋतुसंधि का पर्व अनोखा प्रकृति कर रही तैयारी अपनी…
प्रभु तेरा ठिकाना कहाँ- संजय कुमार
प्रभु मैं परेशान,थके हाल हूँ क्योंकि तेरी दिल से आराधना करता हूँ पर तुझे कहाँ ढूढूँ ये तो बता अपनी जिज्ञासा बुझाने मैं तो परेशान हूँ। तेरे बड़े बड़े भक्तों…
दोहावली- देवकांत मिश्र ‘दिव्य’
गौरव का यह है दिवस, भारत का गणतंत्र। समरसता का भाव ही, दिव्य मूल है मंत्र।। भारत प्यारा देश है, लिखित विधान विशाल। चलें नियम कानून से, होगा ऊँचा भाल।।…
गणतंत्र महान – रूचिका
एक ध्वज एक राष्ट्र एक गान नियमों का पुलिंदा है संविधान। राष्ट्र हित में एकजुट हो रहे सब, जय जन भारत गणतंत्र महान। विभिन्न भाषा विभिन्न बोली है, विभिन्न हैं…
गणतंत्र भारत की पहचान- सुरेश कुमार गौरव
जन-गण-मन की गूँज हो रही, हर दिशा में शंखनाद हो रही। संविधान की महिमा गाते हैं, विजय पताका हम फहराते हैं। आएँ! शूरवीरों की गाथा गाएँ, देशप्रेम के प्रेरणा दीप…