मेरी पोषण वाली थाली – अवधेश कुमार

माँ ने सजाये थाली में अनोखे रंग , पोषण थाली अब करेगी कुपोषण से जंग । मोटे अनाज देंगे हमें बल, गेहूँ, चावल भरें संबल। दाल हमें दे प्रोटीन प्यारा,…

बाल गीत, रामपाल प्रसाद सिंह

बाल गीत मैं तो माॅंग सकूॅंगा बचपन। आकर कोई पूछे हमसे,जो चाहो मैं दे दूॅंगा। मैं तो माॅंग सकूॅंगा बचपन,और नहीं कुछ भी लूॅंगा।। इतनी दुनिया गंदी होगी, मुझको ना…

आओ गीत खुशी के गाएँ- अमरनाथ त्रिवेदी

चलो   झूम    के   नाचें   गाएँ , मिल जुलकर हम खुशी मनाएँ। हम  प्यारे  बच्चे   कितने अच्छे, जितने नील गगन के तारे सच्चे। सच्ची  बात  हम ही  हैं करते, नहीं तनिक…

मेरी नानी – मनु कुमारी

  कितनी प्यारी मेरी नानी रोज सुनाती हमें कहानी। परीलोक की सैर कराती, बात -बात में हमें हँसाती। मम्मी जब भी डाँट लगाती, नानी आकर हमें बचाती। मीठी-मीठी बातें कहतीं,…

बच्चों का अंदाज- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

आने वाले समय की,उसको न चिंता होती, हमेशा वो हर पल, रहता बिंदास है। आँखों में बसा के चित्र, सबको बनाए मित्र, अपना ही हमजोली, आता उसे रास है। मलाई…

बचपन की शरारतें – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

जब कोई फल भाता, दूर से नज़र आता, छिप कर बागानों से, टिकोले को तोड़ता। गाँव की हीं महिलाएँ, कुएँ पर पानी भरें, पीछे से कंकड़ मार, मटके को फोड़ता।…