स्वच्छता हमारा मूलमंत्र – अमरनाथ त्रिवेदी

स्वच्छता  हमारा  मूलमंत्र है, यह शरीर का मजबूत तंत्र है। सबसे  यही अनुरोध  करें हम, स्वच्छ रहने का यत्न करें सब। हम अपने हाथों  की करें सफाई, मम्मी  तभी  देगी …

दिवाली आज मनाएँगे- रामकिशोर पाठक

  दादा जी फुलझड़ी चाहिए, जगमग वाली लड़ी चाहिए, हम भी दीप जलाएँगे, दिवाली आज मनाएँगे। देखो पटाखे फूट रहे हैं, लगता तारे टूट रहे हैं, रंगोली भी तो बनाएँगे,…

तितली रानी – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

तितली रानी! तितली रानी! लगती हो तुम बड़ी सयानी।। रख लो तुम आँखों में पानी, नहीं करो अब तुम मनमानी।। रंग-बिरंगे पंख सलोने, मन को अति प्यारे लगते हैं। फूलों…

मम्मी दुनिया से निराली है – अमरनाथ त्रिवेदी

दुनिया चाहे कुछ भी कह ले मम्मी  ही  हमारी जान है। हर सुख-दुःख में साथ वह देती , मम्मी  ही  हमारी  पहचान है।। मम्मी  की  बात मीठी होती, लगती  हमें …