पढ़ने को स्कूल चलें हम- अमरनाथ त्रिवेदी

नित पढ़ने को स्कूल चलें हम, किसी बात पर नहीं लड़ें हम। जीवन में खुशियाँ भरने को, नित बस्ता लें स्कूल बढ़ें हम। हम नहीं करें कभी आना कानी, नहीं चलेगी अब…

इन्द्रधनुष- रामकिशोर पाठक

छम छम करती वर्षा रानी, मूसलाधार गिराए पानी। बैठ गयी अब वो थककर, सूरज दादा आएँ निकलकर। संग में झोला भरकर लाएँ, रंग बिरंगे फल दिखलाएँ, सबके सब है सेहतमंद,…

शिक्षा का हम लें मशाल- अमरनाथ त्रिवेदी

शिक्षा का हम लें  मशाल, कदम मिलाकर रक्खें चाल। शिक्षा के बिन मिलता नहीं ताल, ज्ञान  ही  लेता सबका  हाल। पढ़ने से कभी मुँह न मोड़ें, हर बच्चे  को इससे जोड़ें। शिक्षा से ही…

अपने बोल में मिसरी घोलें- अमरनाथ त्रिवेदी

अपने बोल  में  मिसरी  घोलें, सबके  दिल  के ताले  खोलें। हम हैं बच्चे   बहुत   सयाने, मीठे बोल के  बहुत   दीवाने। हर मुश्किल में इसके मोल, दिल के सब दरवाजे खोल। पराए को भी…

बहती शीतल मंद बयार- अमरनाथ त्रिवेदी

  देखो  मौसम  यह कैसा  आया  है, सर्द   हवा     संग     लाया    है। प्रकृति  के अनमोल  पलों  में, जीवन  का  राग सुनाया   है। बहती   शीतल   मंद   बयार, होते  सभी को धूप …