क्रिकेट में वह छाया सोना। खेल खेलना अच्छा लगता। खेल नहीं तो जीवन खलता।। जीवन को हिस्सों में बाॅंटो। बचपन के हिस्से न काॅंटो।। छोटा बचपन प्यारा बचपन। जीवन का…
Category: बाल कविता
लोरी: ममता की मीठी छाया – सुरेश कुमार गौरव
लोरी: ममता की मीठी छाया चंदा मामा पास बुलाते, तारे झिलमिल झूला झुलाते, माँ की गोदी, प्यार की बूँदें, सपनों में रसधार बहाते। दादी नानी मीठी बोली, कथा-कहानी रोज सुनाती,…
गर्मी की रात – आशीष अम्बर
गर्मी की रात । भली – भली सी लगती मुझको , ये गर्मी की रात । छत के ऊपर हल्का – फुल्का करके रोज़ बिछौना । बड़ा मज़ा देता गर्मी…
बच्चों को सीख- रुचिका
बच्चों को सीख सुबह सवेरे तुम उठ जाओ, पढ़ने में तुम ध्यान लगाओ, खेलो कूदो मौज करो तुम, जीवन में तुम खुशियाँ पाओ। अपने बड़ों का करो सम्मान, जग में…
भारत माता का मैं लाल – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
भारत माता का मैं लाल उठता नित सूरज से पहले, नित उठ करता ज्येष्ठ प्रणाम। मात पिता दादा दादी संग, नमन हृदय करू मैं व्यायाम। हाथ मुंह धोकर प्रात में…
फलों का राजा आम- राम किशोर पाठक
फलों का राजा आम- बाल कविता फलों का राजा होता आम। मन को ताजा करता आम।। मीठे खूब रसीले आम। हरे, लाल और पीले आम।। बच्चे, बुढे सभी ललचाए। बड़े…
स्व कर्तव्य के दीवानें – अमरनाथ त्रिवेदी
स्व कर्त्तव्य के दीवाने नन्हें मुन्ने हमें न समझें , बुद्धि के बड़े सयाने हैं । स्व कर्त्तव्य पथ पर चलने को हम सब बड़े दीवाने हैं । नित्य क्रिया…
दसों दिशाएँ – बाल कविता – राम किशोर पाठक
दसों दिशाएँ – बाल सुलभ कविता जहाँ सूरज रोज निकलता है। जिधर से नभ में चढ़ता है।। पूरब उसको कहते प्यारे। सुबह रोज हीं दिखता प्यारे।। दिन बीते जब होती…
चंदा मामा और तितली रानी – सुरेश कुमार गौरव
चंदा मामा और तितली रानी चंदा मामा आए नभ में, चुपके से मुस्काए। तारों की महफिल में आकर, मीठे गीत सुनाए।। नीली-पीली तितली रानी, फूलों पर इतराई। चंद सफर की…
सफल बनो- मनमोहन छंद – राम किशोर पाठक
सफल बनो- मनमोहन छंद प्यारे बच्चों, बनो सफल, श्रम से होते, सभी सबल, रुकों नहीं तुम, चलो निकल, श्रेष्ठ सीख का, करो अमल। बनना तुमको, वीर प्रवर, रोके कोई, नहीं…