प्रकृति का संदेश- सुरेश कुमार गौरव

हरी-भरी यह धरती अपनी, इसको हमें बचाना है। पेड़ लगाकर, जल बचाकर, हरियाली फैलाना है॥ नदियाँ बहें सदा निर्मल-सी, कलुष नहीं जल करना है। नीला नभ हो,शुद्ध पवन हो,ऐसा जग…

प्रकृति – रत्ना प्रिया

नित्य कर्मरत रहती प्रकृति, तब जग सुंदर हो पाता है। जग में वही सफल हो पाता जिसे परिश्रम भाता है।। नभ में सूरज चाँद-सितारे, नित्य समय पर आते हैं, जिम्मेदारी…

शिक्षक: ज्ञान के दीपक- सुरेश कुमार गौरव

शिक्षक हैं वो दीप प्रखर, जो तम को हरने आते हैं, ज्ञान-ज्योति से जगमग करके, जीवन पथ दिखलाते हैं। संस्कारों की निधि अनमोल, उनके शब्दों में बसती हैं, सही दिशा…

आजादी के दीवाने – रत्ना प्रिया

आजादी के दीवाने वे, गोली खाई, जेल गए, फाँसी के फंदे को चूमा, हर संकट को झेल गए। भारती के लाल जिन्होंने, अपना जीवनदान दिया, जीवन की स्वर्णिम आयु को,भारत-भू…

मधुमय देश बनाना है – डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या”

सुरभित सुंदर संस्कार का अद्भुत देश हमारा है, भगत सिंह, गाँधी सुभाष संग हमने भी दिल हारा है। तरुणाई के प्रखर शौर्य को जनहित में रचने के लिए, इस अवनी…

गणतंत्र की शान- अमरनाथ त्रिवेदी

गणतंत्र की शान पर ही, चल  रहा यह  देश है। वैशाली की पावन धरा से, शुभ  मिल  रहा संदेश है। गणतंत्र का अवतरण यहाँ, गणतंत्र की  यह  जान है। इस  महती धरा से जो जुड़ा,…

गणतंत्र भारत की पहचान- सुरेश कुमार गौरव

जन-गण-मन की गूँज हो रही, हर दिशा में शंखनाद हो रही। संविधान की महिमा गाते हैं, विजय पताका हम फहराते हैं। आएँ! शूरवीरों की गाथा गाएँ, देशप्रेम के प्रेरणा दीप…

लोकतंत्र के सजग प्रहरी – अमरनाथ त्रिवेदी

लोकतंत्र में  जनता का शासन, जनता ही  इसका  बल  है। हम सब  इसके सजग प्रहरी, यही गणतंत्र का मजबूत संबल है। हर मतदाता का अधिकार सुनिश्चित, यही स्वस्थ लोकतंत्र की खूबी। इसके मत…

अमर क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस- सुरेश कुमार गौरव

चमक उठा जो नभ में बनकर एक सितारा, गुलामी के अंधेरों में जो बना एक ध्रुवतारा। सुभाष तुमने किया था देश हित में काम बड़ा, युगों-युगों तक भारत देश हित…