मित्रता है अनमोल कहानी , जो खुद कहती रहती है । जीवन के अनछुए प्रसंग में भी , रसधार रूप में बहती है । मित्रता है जीवन का चिंतन ,…
Category: Bhakti
For the attainment of God in the world, for the welfare of the person, one has to do spiritual practice for salvation. For this, Bhakti is the best. Therefore, devotion to God and having prayer and meditation is called Bhakti.
मनहरण घनाक्षरी- एस.के.पूनम
छंद:-मनहरण घनाक्षरी “सियाराम” पहनते पीताम्बर,सियाराम साथ-साथ, भोर उठे साथ चले,प्रीतम का प्रीत है। हाथ पकड़े सिया का,कभी न अलग हुआ, घर-बार सब छुटा,करुणा अगीत है। तरनी में नाव चली,वानरों की…
सरस्वती वंदना – मो.मंजूर आलम
स्तुति मां वागीश्वरी स्तुति मां सरस्वती ज्ञान की देवी तू जहान की देवी तू वंदन करूं तेरी, हे शारदे! जीवन मेरा तू संवार दे। महिमा तेरी कण कण है जानता,…
सृष्टि के सृजनहार- मीरा सिंह “मीरा”
जीव जगत के आधार हे सृष्टि के सृजनहार व्यक्त करें कैसे मनुज आदित्य तेरा आभार हे देवों के देव दिवाकर सबसे बड़े जादूगर आते रहे युगों से नित नई सुबह…
भजन – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
तोहर माथे में मुकुट गले हार सोहे ला, माई दसों हाथ तोहर हथियार सोहे ला। कर में कंगन सोहे भाल सोहे बिंदिया, असुरों के देख तोहे आवे नहीं निंदिया। तोहर…
सुनियौ अरज ओहिना – नीतू रानी
भगवती गीत सुनियौ अरज ओहिना अरज ओहिना अरज ओहिना हे जननी सुनियौ अरज ओहिना, बच्चा केअ माता सुनैये जहिना—2 सुनियौ अरज ओहिना——२। तोरब अरहुल फूल पूजब हम नोर सॅ कतबो…
मां के नवरुपों का दर्शन- विवेक कुमार
मां की महिमा है बड़ी निराली, उनके रूपों में दर्शन देती मां काली, नवरात्रा में मां के नव रूपों के दर्शन को है मन खाली, तरस रही अंखियां, बजा रही…
प्रभाती पुष्प – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद हर साल नवरात्रि, माता की चरण आवे, पूजा बिना सुना लगे महल अटरिया। धन पद सुत दारा, कुछ दिनों का सहारा, चाहत में यूं ही सारी बीती…
माता रानी- नीतू रानी
गज चढ़ी अहाँ एलौं हे माता रानी, जेती गज चढ़ी भगवती। माँ हँसति खल-खल दाँत झल-झल, रुप सुन्दर भगवती। गज चढ़ी अहाँ———2। माँ बाम छूरा दहिन खप्पर, महिषासुर केए मारती।…
कत्यायनी माता- नीतू रानी
कत्यायनी माँ एली हे मैया , नौ रुप में अहाँ भगवती। माँ सिंह सवारिनी त्रिशूल धारिणी, महिषासुर केए मारती। कत्यायनी माँ———-2। माँ शंख गहि-गहि चक्र गहि-गहि गले मुंड माला शोभति।…