मित्रता रूपी कमल हैं खिलते मित्रता की भी अलग जुबानी , बोले समयानुसार कटु मृदु बानी। कटु बानी भी मित्र के भले के होते , इससे मित्र कभी सही दिशा…
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जिसको मित्र बनाया है – लावणी छंद गीत – राम किशोर पाठक
जिसको मित्र बनाया है – लावणी छंद गीत आँख खोलकर इस भूतल पर, ज्यों हमने मुस्काया है। रिश्ते नाते हमने जग में, खुद पर खुद ही पाया है।। सबने बतलाया…
मित्र – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
मित्र! मित्र सरल है मित्र सहज है, मित्र पीयूष अनुराग परम है। मित्र हैं दिल के राज सारथी, तपिश में सहज सुबास मित्र है। आनन्द के पथ में आनंदित, तप्त…
अमर रहेगा नाम तुम्हारा- प्रदीप छंद गीत – राम किशोर पाठक
अमर रहेगा नाम तुम्हारा- प्रदीप छंद गीत अमर रहेगा नाम तुम्हारा, ऐसा तेरा काम है। सीमा रक्षा करने वाले, तुझको सदा सलाम है।। विजय दिवस हम मना रहें हैं, आओ…
हरि भजे शिव शंभु महेश्वरम् – राम किशोर पाठक
हरि भजे शिव शंभु महेश्वरम् भजेऽहम् पद पंकज सुंदरम्। हरि भजे शिव शंभु महेश्वरम्।। त्रिविध ताप निवारण जायते। शरण शंभु मनोहर भायते। आदि अनादि सौम्य सुरेश्वरम्। हरि भजे शिव शंभु…
अपना हमें समर्पण दे दो- राम किशोर पाठक
अपना हमें समर्पण दे दो – बाल कविता कूद कूदकर आते बच्चे। कुछ सहमें इठलाते बच्चे।। कहना चाह रहे कुछ बच्चे। हो गए मौन फिर क्यों बच्चे।। आशाओं के दीप…
प्रभु हम तुम्हें भुला न पाएँ – अमरनाथ त्रिवेदी
प्रभु हम तुम्हें भुला न पाएँ सारी उमरिया जीवन की , प्रभुजी यूँ ही बीत न जाए , कण कण में प्रभु आप बिराजें , प्रभु हम तुम्हें भुला न …
गुरुवर वाले प्रेम से – अवतार छंद गीतिका- राम किशोर पाठक
गुरुवर वाले प्रेम से – अवतार छंद गीतिका झूम रहे सब संग में, कुछ आज कीजिए। गुरुवर वाले प्रेम से, भर हृदय लीजिए।। बच्चों का भी मन लगे, आ सके…
घट-घट वासी शिव संन्यासी – सरसी छंद गीत – राम किशोर पाठक
घट-घट वासी शिव संन्यासी – सरसी छंद गीत बैठे हैं भस्म लगा कैलाशी, करते बेड़ा पार। घट-घट वासी शिव संन्यासी, महिमा अपरम्पार।। महाकाल शंकर विश्वंभर, हर लेते हैं शोक। शरणागत…
दादा जी की शान निराली – अमरनाथ त्रिवेदी
दादा जी की शान निराली दादा जी की बात कहूँ क्या , लगते कितने प्यारे हैं । एक हाथ में छड़ी लिए वे लगते कितने न्यारे हैं । उनका शासन…