कब तक हार से डरते रहोगे – गुड़िया कुमारी

  कब तक यूँ ऐसे बैठे रहोगे, कब तक हार से डरते रहोगे। कदम आगे बढ़ाना होगा, अगर लक्ष्य को पाना होगा। हार-जीत का खेल भी होगा, साहस तुम्हें दिखलाना…

प्यारी भाषा हिंदी – अमरनाथ त्रिवेदी

हिंदी  हैं  हम  वतन हैं , यह  हिंदोस्ता   हमारा। यह भाषा बहुत सरल है, यह  सौभाग्य है हमारा।। हिंदी  जितनी  सहज  है, उतनी  न  कोई   भाषा। विश्व रंगमंच पर ये…

हिंदी हमारी धड़कन है – एम.एस. हुसैन ‘कैमूरी’

  हिन्दी है पहचान हमारी यही हमारी धड़कन है। हिन्दी में ही मैं पला – बढ़ा इसी को सबकुछ अर्पण है।। कार्यालय या सचिवालय हो, हिन्दी में ही , उसके…

संस्कृत की संवाहिका हिंदी – कुमकुम कुमारी

  दूसरों का अवश्य हम गुणगान करेंगे, पर सर्वप्रथम खुद का हम जयगान करेंगे। दूसरी भाषा का भी सम्मान करेंगे, पर हिन्दी को सर्वप्रथम प्रणाम करेंगे। क्योंकि हिन्दी ही हमारी…

हिंदी हिन्दुस्तान की- संजय कुमार

  हिंदी हिंदुस्तान की गौरव राष्ट्र के आत्मसम्मान की, सुरभित वाटिका हूँ मैं भाषारूपी बागान की, मैं हिंदी हिंदुस्तान की। राजभाषा का दर्जा है मेरी आन और शान भी, है…

अद्भुत है हिंदी की भाषा – रामकिशोर पाठक

  अद्भुत है हिन्दी की भाषा, राष्ट्र शक्ति प्रेरित अभिलाषा, जो लिखें वो बोलें हम, हृदय भाव को तौलें हम, दूसरी भाषा के शब्दों को, विदेशज रूप रस घोलें हम,…

भारत माँ का गहना हिन्दी- हर्ष नारायण दास

हिन्दी के बिन्दी को मस्तक पर नित सजा चमकाएँगे, सर आँखों पे बिठाएँगे। यह भारत माँ का, गहना है। हिन्दी मेरा ईमान है, हिन्दी मेरी पहचान है।। हिन्दी हूँ मैं…