अक्टूबर – रुचिका

देखो,कैसे आ गया अक्टूबर थोड़ी सी ठंडी हवा लेकर, थोड़ी सी सूरज की गर्मी चुराकर थोड़ी सी सूरज में नर्मी लाकर जैसे करने को आतुर है शीत का स्वागत देखो…

सबसे मधुर वाणी – मीरा सिंह “मीरा”

विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ एक मौलिक, स्वरचित रचना प्रेषित है आओ बच्चों तुम्हें बताएं सबसे मधुर वाणी है कौन। सबके दिल पर करे हुकूमत सुनो बच्चों…

खुशियों की तलाश में- मीरा सिंह “मीरा”

न‌ए साल की नयी सुबह न‌ए सपने आंखों में सजाए नयी उम्मीदों की अंगुली थामे आंख मिचते आज पूरा पटना सड़कों पर नजर आया सड़कों पर जनसैलाब गजब उमड़ा था…

बसंत बहार- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

घनाक्षरी छंद में (१) बागों में बहार आई, मन में उमंग छाई , भांति-भांति फूल देख, छूटे फुलझड़ियां। जहां भी नज़र जाए, सुन्दर सुमन भाए, दूर-दूर तक लगी, पुष्पों की…

मामा चले ससुराल -मीरा सिंह “मीरा”

बंदर मामा चले ससुराल पहनकर सिर पर टोपी लाल। है उनके साले की शादी मामा पहने कुरता खादी।। साथ चली उनकी बंदरिया सिरपर ओढे लाल चुनरिया। ठुमक ठुमक के पांव…