चलो आज सांस आयी है , बस्ते के बोझ से आज मुक्ति पाई है। बस्ता मेरा भारी बहुत थक जाते थे हम कंधे मेरे दुख जाते थे थक जाता था…
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बैगलेस शनिवार – संजय कुमार सिंह
डिमिक डिमिक डम डिम डिम डम डिमिक डिमिक डम डिम डिम डम । सुन लो मम्मी,सुन लो पापा चाचा – चाची तुम भी सुनो मौसा – मौसी, मामा – मामी…
बैगलेस – अशोक कुमार
टी ओ बी ने रखा प्रस्ताव, सरकार ने किया स्वीकार| शनिवार अब बैगलेस होगा, रचनात्मक कार्यों से लैस होगा|| नई-नई गतिविधियां होगी, नई ऊर्जा का होगा संचार| नई-नई कौशल सीखेंगे,…
बिन बस्ता – दीपा वर्मा
बच्चो की खुशी का ठिकाना नहीं है, बस्ता लेकर शनिवार को जाना नहीं है। पूरे हफ्ते इंतजार होगा इस दिन का , नाचना-गाना है, कोई मन से बीमार नहीं है।…
वो बचपन की यादे -दीपा वर्मा
वो प्यारा सा बचपन मेरा, वो मिट्टी के बरतन और कागज के नाव बनाना, कभी-कभी याद आ ही जाती है। आपस में लड़ना, फिर एक-दूजे को मनाना। वो छोटा सा…
दीप जले – अशोक कुमार
दीप जले दीप जले, घर आंगन दीप जले| चारों तरफ खुशियां है छाई, दीपों का त्योहार आई|| वीर सपूतों के याद मे, घर-घर दीप जलाएं| स्कूल हो या घर हो,…
दिवाली –
ईर्ष्या द्वेष का जो चारो ओर डेरा है, नफरतों का दिल में देखो बसेरा है, एक दूसरे से आगे निकलने के लिए, द्वंद चलता ये तेरा और ये मेरा है।…
धन्यवाद शिक्षक – कंचन प्रभा
शिक्षक हैं हमारे अभिमान हमारे लिए अनमोल उनके दिए ज्ञान जीवन विचारों का है वह सम्मान हमारे शिक्षक हैं हमारे अभिमान मिलजुल कर बढ़ाएं उनका मान उनकी बातों का हम…
क्या होती है बेटियां
बेटियां क्या होती है…. बेटा वंश तो अंश होती है बेटियां दो कुलों की आन-बान-शान होती है बेटियां कुदरत जब हो मेहरबां तो परियों के देश से आती है बेटियां…
वर्षा की बूंदे – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण बाल घनाक्षरी “””””””””””””””””””””””” टप – टप गिरे ऐसे, लगता है मोती जैसे, नभ से वर्षा की बूंदे रिमझिम बरसे। ताल भरे लाजबाव, पानी करे छपा-छप, मछली पकड़ने को बालमन…