गुलाबी रंग की , परिणाम तो देखो । चारों दिशाओं की , आसमान तो देखो।। इन्द्रधनुष से सजी है, बादलों के काफ़िले। चांद और सितारों के , मुस्कान तो देखो।…
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बालगीत – सुधीर कुमार
नाच रहा मन मोर है । कितनी सुन्दर भोर है ।। तारे सारे लुप्त है । लोग भला क्यों सुप्त हैं ।। सुनते कब वे शोर है । कितनी सुन्दर…
आँगन के फूल – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जग के आंखों के हैं तारे ये आँगन के फूल हमारे, इनके आगे फीका लगता है नील गगन के चांद सितारे। बच्चे होते हैं तितली जैसे इनकी शोभा होती न्यारी,…
दो भाई- मीरा सिंह “मीरा”
सोनू मोनू हैं दो भाई करते सारे लोग बड़ाई। खेला करते साथ हमेशा कभी कभी वो करें लड़ाई।। उन दोनों की है इक दादी भोली भाली सीधी सादी। प्यार बहुत…
तितली उड़ी-ब्यूटी कुमारी
तितली उड़ी तितली उड़ी बनके परी बच्चों की टोली पीछे पड़ी। रंग बिरंगी पंखों वाली तितली है बड़ी मतवाली। फूलों पर मंडराती है मीठा-मीठा रस पीकर उड़ जाती है। गुनगुन…