मनहरण घनाक्षरी छंद सामाजिक रिवाजों से, कट रहे युवा पीढ़ी, शिष्टाचार – व्यवहार, दिखते न वाणी में। सत्य का महल सदा, टिकता है दुनिया में। कागज की नाव कभी, चलती…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
बगिया की उदासी- संजय कुमार
आज बगिया क्यों उदास है, बोलो मेरे पापाजी। कल तक कितनी चहल पहल थी गुलजार तुम्हारी बगिया थी। माँ खुश थी, भैया खुश थे ताई खुश थे, ताऊ खुश थे।…
क्यूँ हम भूल जाते हैं-भोला प्रसाद शर्मा
जब हम माँ के गर्भ में होते हैं मुझे बहुत सुखों की अनुभूति होती है कुछ ही दिनों में हमें अपने खून पसीने से सीच कर बड़ा कर दिया जाता…
प्रेम अनुराग -जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद बसंत बहार ले के, रंगों का त्योहार आया, जगदंबा माता संग, शिव खेलें फाग है। सिर पर जटा जूट, हाथ लिए कालकूट, बने जब नीलकंठ, गले पड़ा…
हमारी बेटियाँ -विवेक कुमार
माँ बनकर मुझे जन्म दिया, बहन बनकर किया दुलार | जब भी आई मुसीबत मेरे, पत्नी बन किया उद्धार। सुबह की किरणों जैसी बेटी, ताजगी देती तन- मन को |…
कपटी नज़र – जयकृष्णा पासवान
जिस मूरत को ज्ञान दिया , वो जग में है नाम किया। उसी पेड़ की डाली बनकर, वृक्षों का अपमान किया।। क्षमा दान कर फिर भी सहते, अपने ड्यूटी पर…
बंधन-.सुरेश कुमार गौरव
जीवन एक विश्वास रुपी है अनोखा बंधन, रक्त के तो कहीं बिना रक्त के कहलाते बंधन, हर्ष-विषाद,खट्टी-मीठी और अनोखी यादों का, भरोसे, धैर्य, विश्वास, प्रेम,आशामय रुप का, पर जीवन एक…
आराधना कर ले- एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विद्या-मनहरण घनाक्षरी 💐(आराधना कर ले)💐 राधे बोल राधे बोल, कृष्ण बोल कृष्ण बोल, रोज भज राधा-कृष्ण,सुमिरन कर ले। नाम जप तप कर, ध्यान किया दु:ख हर, धरा पर…
उचित समय- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद पेड़ पौधे झुक जाते, जलधारा रुक जाते, जड़ पे असर होता, विनती विनय के। ईश में विश्वास करें हमेशा प्रयास करें, प्रार्थना भजन करें, पवन तनय के।…
इम्तिहान का अंतिम पंच- विवेक कुमार
टेंशन वेंशन भूल जा, अपने आप पर कॉन्फिडेंस ला, नए का, कुछ ना कर तू प्रयोग, कर बीते समय की तैयारी का उपयोग, घबड़ाना नहीं, डगमगाना नहीं, अपने आप पर…