विघ्न हर्ता देव हो तुम, कष्ट अपना मैं कहूँ। आज तुमसे आस मुझको, छंद रचना को गहूँ।। शब्द लाऊँ मैं कहाँ से, शिल्प कैसे मैं रचूँ। सत्य का बस हो…
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शरण गहूँ दिन-रात – राम किशोर पाठक
ध्यान लगा मैं कर सकूँ, रचना की बरसात। भजन करूँ नित मातु की, शरण गहूँ दिन-रात।। शब्द पुष्प के हार से, करूँ छंद श्रृंगार। सत्य सृजन करता रहूँ, पथ पाए…
माँ वर दो-राम किशोर पाठक
शीश नवाऊँ, माता के दर, माँ वर दो। रचना लाऊँ, नित्य नया कर, माँ वर दो।। शरण तुम्हारी, गहने वाले, यह कहते। वह हर्षाया, आकर दर पर, माँ वर दो।।…
गाँधी की दरकार है – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
भारत की चुनावों में धन की है बोलबाला, पैसे से ही आज यहांँ, होती जीत- हार है। अधिकांश लोग एक जाति की ही नेता होते, कैसी भी हो छवि पर,…
तुम मुझको नारी रहने दो… डॉ स्वराक्षी स्वरा
गीततुम मुझको नारी रहने दोअपनी अधिकारी रहने दो ।। सत्ता का लोभ नहीं मुझकोन दौलत की ही चाहत है पैरों के बंधन तोड़ मेरे निर्बन्धता में राहत है चालें तेरी…
प्रार्थना गीत रामकिशोर पाठक
प्रार्थना गीत भूल अगर हो जाए हमसे, माफ सदा कर देना। राम कृपा बस इतना करना, संबल का वर देना।। कष्टों में परिजन कुछ मेरे, तुझको सदा पुकारे। बिना तुम्हारे…
संशय में कृष्ण- महामंगला छंद- राम किशोर पाठक
कृष्ण कन्हैया अगर, आते मिलने आज। होते विस्मित मगर, देख सभी के काज। माखन मिसरी सहज, उनको देता कौन। दुनिया दारी समझ, रहे न कोई मौन।। राधा जैसी सहज, मिलते…
प्रार्थना – रामकिशोर पाठक
भक्त खड़ा तेरे द्वार, सुन लो मात पुकार।। नज़रिया फेर कर मातु, कर दो तुम उद्धार। रचे हम क्या दो बतला, शब्दों को दो- चार। वर्णन तेरी कर सकूॅं, लेखन…
सरस्वती वंदना – भवानंद सिंह
माॅं शारदे की पूजा अर्चना कर लो मन से आप, मिले आशीष माॅं का उनको पूरा हो सब काज। हम अज्ञानी बालक माता दीन, दया के पात्र, करो कृपा…
ज्ञान की ज्योति जगा दे माँ- विवेक कुमार
हे माँ शारदे, वीणावादिनी माँ, ज्ञान की देवी, ज्ञान की ज्योति जगा दे माँ, मैं हूंँ तुच्छ अज्ञानी, मुझे ज्ञान का मार्ग दिखा दे माँ! हे माँ हंसवाहिनी, अंधकार निवारणी,…