हमारी संस्कृति की पहचान गंगा मैं हूँ गंगा, भारतीय संस्कृति की पहचान कैसे व्यक्त करूं मैं अपनी व्यथा खो रही हूं मैं अपना रंग रूप प्राकृतिक छटा का दिव्य स्वरूप…
Category: Prem
Love has no definition, and it is a feeling that comes within the heart. The meaning of love can be different for different people, different age groups, and different relationships, but the surface is the same for everyone. Love comes from knowledge, and for this, one needs to understand oneself.
करवाचौथ त्योहार-विवेक कुमार
करवाचौथ त्योहार पति पत्नी का प्यार, जीवन का है आधार, प्यार और सम्मान से जग में मिलता मान, दोनों का त्याग, समर्पण और विश्वास, इसे बनाया आगढ़, संगनी का आधार,…
हिन्दी हैं हम-अश्मजा प्रियदर्शिनी
हिन्दी हैं हम राजभाषा हिन्दी है हमारे हिंद देश की भाषा। संस्कृति, उत्थान, समृद्धि की है ये प्रत्युषा। अखंडता में एकता की है अद्भुत परिभाषा। हिन्दी भाषा की समृद्धि है…
बौद्धिक विचारों के दूत-सुरेश कुमार गौरव
बौद्धिक विचारों के दूत अनुभव को अपनी अभिव्यक्ति पर पूरा गर्व का यह अवसर है भाषा-शब्द और भावों के मेल से कुछ कहने का सुअवसर है। सृजन हो चाहे किन्हीं…
नन्हा भईया-नूतन कुमारी
नन्हा भईया एक है मेरा नन्हा भईया, उसके घुंघराले से बाल, छोटे छोटे पैर हैं उसके, चलता वह मतवाली चाल। उसका हँसना और मुस्काना, मन को बहुत लुभाता है,…
गुदड़ी के लाल-सुरेश कुमार गौरव
गुदड़ी के लाल दो अक्टूबर को जन्मे थे एक गुदड़ी के लाल नाम का पहला अक्षर भी उनका है लाल बचपन में नदी तैर कर जाते थे वे पढ़ने संध्याकाल…
माॅं-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
माॅं मन मंदिर में तुझे बिठाकर, मां चरणों में नबाऊं शीश। तू हीं दुर्गा, मां शारदा, उमा बन कर देना आशीष।। तेरी चरणों में जन्नत है, तेरी गोद में काबा-काशी।…
सत्य अहिंसा के पुजारी-अशोक कुमार
अहिंसा के पुजारी गांधी थे पुतलीबाई के संतान, उनको जानता है सारा जहान। सादगी है उनकी पहचान, कर गए काम महान।। गुजरात के पोरबंदर में जन्मे, पुतलीबाई के लाल महान।…
गांधी शिक्षक के मन में हैं-कमलेश कुमार
गांधी शिक्षक के मन में हैं गांधी शिक्षक के मन में हैं। हर शिक्षक के जीवन में हैं। जब सत्य, अहिंसा, कर्मठता का पाठ पढ़ाता है शिक्षक। तब गांधीजी हर…
नव बसंत-प्रीति कुमारी
नव बसंत बीत गए दिन पतझड़ के अब नव बसंत फिर से आया, खुशियों से भर आई आँखें जीवन का कण-कण मुस्काया। वृक्षों के पल्लव हरे हुए मधुवन है फिर…