नव वर्ष – डॉ स्नेहलता द्विवेदी “आर्या”

  नव संकल्प ले नव विहान का, नूतन अभिनन्दन कर लो। जो विकृति हो अपसंस्कृति हो, उसका चलो शमन कर लो। नव संकल्प ले नव विहान का, नूतन अभिनन्दन कर…

खट्टी-मीठी यादें – रामकिशोर पाठक

  बीत रहा यह साल है, देकर खट्टी-मीठी यादों को। जीवन भर हम याद करेंगे, गुजरे कुछ संवादों को।। कुछ लाएगी मुस्कान होंठ पर, कुछ ऑंखों में मोती। कुछ से…

कलम हमारी ताकत है – सुरेश कुमार गौरव

  आओ बच्चों स्कूल चलें, ज्ञान की राह बढ़ते चलें। कलम उठाएँ, पुस्तक पढ़ें, सपनों को साकार करें। कलम हमारी ताकत है, पुस्तक से गूँजे ज्ञान सदा। इनसे सीखे जीवन…

प्रेम वही करता इस जग में- अमरनाथ त्रिवेदी

    प्रेम  वही  करता  इस जग  में, जिसे   मानवता  से  यारी  है। आचरण है  पशुवत   जिसका, पृथ्वी पर  जीना उसका भारी है। सचमुच  कहूँ तो प्रेम ही जीवन, प्रेम …

सदाचार कुछ बचपन के – अमरनाथ त्रिवेदी

  सदाचार  कुछ बचपन  के  होते, इसे अपनाकर हम अवगुण खोते। माता-पिता के कुछ  सपने होते, उसे पाने पर सब अपने होते। सारी दुनिया जल, माटी से गोल, दुनिया  में …

बदलते गाँव की सूरत – अमरनाथ त्रिवेदी

भारत  के गाँव अब सूने लगने लगे हैं । धड़ाधड़ दरवाजे पर ताले लटकने लगे हैं।। बच्चों की मस्ती है शहर घूमने की, बूढों की आह निकलती  गाँव छोड़ने की।…

नई राह गढ़ें भारत की – सुरेश कुमार गौरव

  आओ बच्चों अब चलें स्कूल, नहीं करें अब कोई भी भूल। शिक्षा है सबके लिए जरूरी, अशिक्षा है बिल्कुल गैर जरूरी।। ज्ञान की रोशनी जब फैलती, अंधकार की दुनिया…

मानव जीवन के निहितार्थ – अमरनाथ त्रिवेदी

माटी का  यह   बना  खिलौना, एक दिन माटी में मिल जाएगा। कोई नहीं  होगा हम  सबके संग, केवल धर्म-अधर्म  साथ  जाएगा। कुछ तो अच्छा कर  ले प्यारे, जो जीवन भर…