बच्चों जीवन को सादगी से अपनाना- रुचिका

  बच्चों तुम अपनी शरारतें बचा लेना, छोटी-छोटी बातों पर रूठना फिर पल में मान जाना और दिल खोल मुस्कुरा लेना। वो किसी को रोते देख रोना, किसी के खुशी…

चाचा नेहरू – रामकिशोर पाठक

  उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में, किलकारी गूँजी आनंद भवन में। अठारह सौ नवासी का साल, चौदह नवंबर को जन्में लाल। प्रारंभिक शिक्षा अपने परिवेश में, फिर ट्रिनिटी पढ़ने गए…

लें सबक प्रदूषण से- अमरनाथ त्रिवेदी

मजा नहीं अब  सजा  मिलेगी, नित बढ़ते  प्रदूषण के  खतरे से। होश  में  आओ   हे   मानव, रोग फैल   रहा दूषित  कचरे से।। वायुमंडल  भी   हुआ   प्रदूषित, जीवन शैली भी अब…

छठी की महिमा जैनेन्द्र प्रसाद रवि

जिसने चाहा वह फल पाया हर सपना होता साकार है। करते हैं हम सूरज उपासना अति पावन छठ त्यौहार है।। चार दिवसीय अनुष्ठान है होता तीन दिनों का निर्जला उपवास,…

छठ पर्व की महिमा – अमरनाथ त्रिवेदी

छठ पर्व की महिमा अति न्यारी, चार दिनों तक लगती है प्यारी। जीवन सकल धन्य कर देती। यह सर्व दुर्गुणों को हर लेती। चारों ओर उत्सव और बधाई, लगता जीवन…

छठ व्रत का विधान – रामकिशोर पाठक

  चार दिनों का यह अनुष्ठान आस्था का यह व्रत महान। करते इसको विधि विधान होता जिससे जन कल्याण।। प्रत्यक्ष जगत में है भगवान हरपल उर्जा जो करते प्रदान। मिलता…

नित दिन प्रातः आता सूरज- संजय कुमार

नित दिन प्रातः आता सूरज नित नया सिखलाता है। नित सवेरे आकर कहता, नया जीवन ही जग पाता है।। कहता है यह नित दिन आकर मृत्यु क्षय नहीं प्रकृति में…

शान निराली छठ व्रत की – अमरनाथ त्रिवेदी

छठ व्रत  की शान निराली, महापर्व की शोभा न्यारी। हम बच्चों को खुशी देनेवाली, अनुपम दृश्य लगती बड़ी प्यारी। व्रती वंश  की कामना रखती, इस व्रत में  यह ध्यान है…

दीपों ने किया उजाला है – रामपाल सिंह ‘अनजान’

गाॅंव छोड़ बाहर देखा धरती अंबर काला है। तब जाना इन दीपों ने, कितना किया उजाला है।। आज कहाॅं बल तम के बाजू में, कुछ भी नहीं निशानी है। हार-जीत…