हर तरफ घोर अँधियारा है, एक दीप हमें जलाना है। आज रात दिवाली की, दीपोत्सव हमें मनाना है। घर का कोना साफ हो गया, दीपों से इसे सजाना है।…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
आओ सब मिल दीप जलाएँ- संजीव प्रियदर्शी
आओ सब मिल दीप जलाएँ नाचें- गाएँ खुशी मनाएँ। मन के भीतर का अँधियारा, भव भय भ्रम सब दूर भगाएँ।। आओ सब मिल दीप जलाएँ। झिलमिल-झिलमिल दीपक भाते गेह-द्वार…
पावन शरद ऋतु – अमरनाथ त्रिवेदी
पावन शरद ऋतु की बहुत बड़ाई , सबके चित्त नित परम सुहाई । आश्विन, कार्तिक होते अति पावन, दिल को लगते हैं अति भावन। पर्वों का यह पवित्र महीना, नित …
उम्मीद के दीए- सुरेश कुमार गौरव
नित मन की अमराईयों में, मन की बातें बोलती हैं, नीरस से सरस जीवन के, मिश्रित पीयूष रस घोलती हैं। समय बीत रहा है पल-पल, कह रहा है, हों सब…
सूरज बाबा – भोला प्रसाद शर्मा
सूरज बाबा, ओ सूरज बाबा, तुमसे रोशन है जग सारा। सुबह-सवेरे तुम मुस्काओ, धरती को तुम खूब सजाओ। सूरज बाबा निकले सुबह, लेकर अपनी रथ की किरण। सारा जग…
दीप जलाएँ- अमरनाथ त्रिवेदी
मिलकर ऐसे दीप सजाएँ, हर कोने के तम को हर लें। सब मिलकर ऐसे दीप जलाएँ, हर खुशियों को हम भर-भर लें।। वर्ष बाद फिर आई दिवाली, अपने खुशियों…
मानव है वही जो- अमरनाथ त्रिवेदी
मानव है वही जो , मानव के काम आए। इंसानियत उसी में, जो शराफत से पेश आए।। खतरे बहुत अधिक हैं, मुश्किलें राहों में पड़ी हैं। कहीं इसमें खो न…
अभियान गीत- रामकिशोर पाठक
छोटे बड़े का भेद रहे न, हम सबको गले लगाएँगे। बच्चे बूढ़े जवान साथ में, हम शिक्षित सबको बनाएँगे।। रहे नहीं उदास कोई भी, हम सबको हँसी सिखाएँगे। रहे…
अदृश्य जीवन चालक- अमरनाथ त्रिवेदी
यह जीवन क्या है ? जहाँ संवेदनाओं के तार जुड़ते हैं, अपने कहाने वाले भी मुड़ते हैं। मनुष्य कभी अपनों से घिरा होता है, कभी परायों से मिला होता है,…
अदृश्य जीवन चालक- अमरनाथ त्रिवेदी
कोई तो चलानेवाला होता है यह जीवन क्या है ? जहाँ संवेदनाओं के तार जुड़ते हैं, अपने कहाने वाले भी मुड़ते हैं। मनुष्य कभी अपनों से घिरा होता है, कभी…