विषय -कमजोर कहाँ हो तुम नारी। नारी कमजोर कहाँ हो तुम नारी, हर क्षेत्र में सबपर हो भारी। तेरे साथ खड़े हैं सभी देव, खाली कर देती देवों के जेब।…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
जीवन दीप जलाना सीखें – स्नेहलता द्विवेदी
हम सब प्रेम पुजारी मिलकर, जीवन दीप जलाना सीखें। जग में फैले अंधकार को, कर्म रश्मि नहलाना सीखें। अपना घर तो सुंदर सजता, उस घर को भी सजाना सीखें। जिसके…
शैक्षणिक गतिविधि – नीतू रानी
आओ बच्चों सब मिलकर करना आज शैक्षणिक गतिविधि, अगर थक जाएगा तो थोड़ा लेना पानी पी। चित्र बनाना, गाना, गाना नाचना, खेलना रहना खुश, आज पिलाएँगे तुम सबको हम ठंडे…
प्रकाश का परावर्तन – ओम प्रकाश
किरणें जो सतह से टकराए कहलाती हैं आपतित, टकरा कर लौटती किरणें कहलाती हैं परावर्तित.. हो सतह यदि चिकनी-समतल तो परावर्तन होता है नियमित, हो सतह रुखड़ी, उबड़-खाबड़ तो परावर्तन…
पुस्तक- मीरा सिंह “मीरा
पुस्तक होती ज्ञान दायिनी सबको राह दिखाती है। मानव का सच्चा साथी बन हर पग साथ निभाती है।। अम्मा बन गाती है लोरी नानी बन कथा सुनाती है। सुख दुख…
सोन चिरैया गौरैया – सुरेश कुमार गौरव
वर्तमान में पक्षी जगत की गौरैया अब विलुप्ति के कगार पर है। कहां चली गई कभी मेरे घर की मुंडेर की कोमल गौरैया, बचपन में कहते थे इसे छोटी ,प्यारी…
हमारी जिम्मेवारी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद कल जिसे विदा किया, वह साल बीत गया, गुजरा जमाना अब- नमन पुराने को। छोड़ के पुरानी बातें, मिलकर काम करें, वक्त फिर आया गिले- शिकवे भुलाने…
नशा मुक्ति- अमरनाथ त्रिवेदी
नशा सेवन करने से , कितने घर बर्बाद हुए ? शत्रु जिसको समझा आपने , उसके घर आबाद हुए । नशा छोटी हो या बड़ी , दुखदायी बड़ी होती है…
सड़क सुरक्षा अभियान-रणजीत कुशवाहा
ऐ भाई ,जरा देख के चलो। आगे ही नहीं ,पीछे भी दायें ही नहीं ,बायें भी ऊपर ही नहीं, नीचे भी ऐ भाई जरा देख के चलो । दुपहिया पर…
किसान-एस.के.पूनम
रश्मियां निकल आईं,पूरब में लोहित छाईं, कृषक तराने गाएं,अभी प्रातःकाल है। निकला विस्तर छोड़,देखा खेत-खलिहान, किसानों का मुखड़ा भी,देख खुशहाल है। धूप से तपती धरा,धूल से गगन भरा, स्वेद से…