माहवारी में स्वच्छता जरूरी-विजय सिंह नीलकण्ठ

माहवारी में स्वच्छता जरूरी माहवारी शारीरिक क्रिया है  इसको तुम जानो बेटी  बारह वर्ष बाद हर बेटी को  बिल्कुल निश्चित ही है होती। देख इसे न घबराना है  मात पिता…

प्रकृति-अनुपमा अधिकारी 

प्रकृति जब जब करोगे प्रकृति से छेड़छाड़, तब तब होगा सुन लो पृथ्वी पर नरसंहार! पेड़, पहाड़, नदियां सुंदर इससे खेल रहा मानव, कब तक सहे इसे प्रकृति इसलिए मचा…

उम्मीदों की उड़ान-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा

उम्मीदों की उड़ान धैर्य रख तू “मन” के पंछी घनेरा धुँध छट जायेगा, उम्मीदों की झोली लेकर फिर नया “सवेरा” आयेगा। कसकर पकड़ ले तू परिंदे उम्मीदों के “शाख” को,…

दोहावली-विनय कुमार ‘ओज’

दोहावली जीवों में तुम श्रेष्ठ हो, पाया तीक्ष्ण विवेक। मानवता कहती बनो, उत्तरदायी नेक।। विपदा में जब हो घिरा, हारा मन इंसान। संबल देता जो उसे, सच में वो भगवान।।…

टिशू पेपर-डॉ. स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

मैं टिशू पेपर मैं!  टिशू पेपर! सभ्यता की पहचान  सौम्य सॉफ्ट आन-बान शान, हाथों से अधरों, गालों तक, जाने कहाँ-कहाँ मैं सहज पहुँचता हूँ। मैं! टिशू पेपर! स्वयं को निहारता,…

आओ सब मिल वृक्ष लगाएं-संजीव प्रियदर्शी

आओ सब मिल वृक्ष लगाएं आओ सब मिल वृक्ष लगाएं पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं धरा पर थोड़ा वृक्ष बचे हैं शेष स्वार्थ की बलि चढ़े हैं जिधर देखो धुआं-धुआं है…

विद्यालय का आँगन-अंजलि कुमारी

विद्यालय का आँगन पुनः गूंजेंगे गीत खुशी से, चेतना सत्र के प्रांगण में। पुनः खेलेंगे छात्र-छात्राएं, विद्यालय के आंगन में।। महामारी में कैद हो गया, बचपन चारदीवारी में। शिक्षक माली…