कोरोना करो न करो कोई ऐसा काम, जिससे बाद में होना पड़े परेशान, यह सिर्फ बात खुद की नहीं, चंद लापरवाही के ही कारण, खतरे में पड़ सकती है जान।…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
जिंदगी का सार-संगीता कुमारी सिंह
जिंदगी का सार यूं ही कभी आसमाँ को निहारते, देखा मैंने, शाम के धुंधलके में, चाँद का निकलना, शुभ्र, धवल, चमकता चाँद, आभा बिखेरता किसी, देवता के समान, यूं ही…
कैद हो गई जिन्दगी-प्रीति कुमारी
कैद हो गई जिन्दगी कैद हो गई जिन्दगी, यूँ ही समय व्यतीत हो रहा, ऐसा लगता है मानो, दुर्गम है यह रास्ता। सभी लोग हैं डरे हुए, सहमें और सिमटे…
तन माटी का एक खिलौना-रानी सिंह
तन माटी का एक खिलौना जन्म-मरण का फेरा यारों चलता बारंबार यहाँ तन माटी का एक खिलौना टूटा कितनी बार यहाँ। लिया जन्म जो मृत्युलोक में उसको तो जाना होगा…
The mind we love-Ashish kumar pathak
The mind we love The mind we love must have wild places an overgrown and unending little wood, tangled orchards, the chance of lions in front, mysterious snakes a few,…
बचपन-प्रियंका दूबे
बचपन जीवन का आरंभ है ये भविष्य की बुनियाद है ये बचपन है जिसका नाम नहीं है सबके लिए आसान। स्वपनिल आँखो में सुन्दर जीवन की आस लिए, नन्हे कदमों…
पौध लगाएँ-विजय सिंह नीलकण्ठ
पौध लगाएँ चलो सभी जन पौध लगाएँ वन महोत्सव आया है हरियाली फैलाने हेतु बस एक मौका आया है। बारिश कम हो रही जमी पर जिसका कारण कम पौधे हैं …
चेतावनी-संजीव प्रियदर्शी
चेतावनी अभी जाकर अहसास हुआ है अपनी औकात एक अदना-सा विषाणु अपनी गिरफ्त में ले लेने को उतारु है उस सभ्यता को जो विजय पाने का दंभ भारती रही है…
दीपक-नूतन कुमारी
दीपक मनन-चिंतन करों बच्चों, यह दीपक कैसे जलता है, फ़िज़ा को यह करें रौशन, तले अंधेरा रहता है। हरेक मौसम, हरेक बेला, तमस को दूर करता है, तिमिर को शोख़…
हे वसुधा तूझे शत शत प्रणाम-नरेश कुमार “निराला”
हे वसुधा तूझे शत-शत प्रणाम भू, भूमि, क्षिति, धरणी, धरित्रि ये सब धरा के पर्यायवाची नाम, वसुंधरा से हमें मिलती है जीवन वेदों ने माना इसे माँ के समान हे…