उन्मुक्त गगन श्रृष्टि के सभी प्राणियों को भाता है स्वतंत्र रहना, पशु हो या पक्षी सभी चाहते हैं उन्मुक्त गगन में रहना। इसलिए तुम, उड़ लेने दो बेटियों को भी…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
वृक्ष लगाओ-मधु कुमारी
वृक्ष लगाओ वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ जीवन अस्तित्व के लिए ऑक्सीजन के श्रोत बढाओ पर्यावरण को ही नहीं अपितु मानव अस्तित्व को बचाओ इसलिए वृक्ष लगाओ। धरती को सुंदर दुल्हन…
कोरोना का संकेत-लवली कुमारी
कोरोना का संकेत हाहाकार मचा है दुनिया में मेरे नाम का खौफ डर-डर कर जी रहे सभी बंद हो गया है मौज। कोरोना-कोरोना-कोरोना अब तो मुझे ही है सोचना मत…
रुमाल-लवली वर्मा
रुमाल एक चीज़ बड़ी कमाल, नाम इसका है रुमाल। कपड़े का टुकड़ा चौकोर, जेब-पर्स में रखते लोग। उद्देश्य एक व्यक्तिगत सफाई, हाथ, चेहरे या नाक की पोंछाई। आता जब है…
मजदूर-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
मजदूर सुख और सुविधा से जो कोसों रहते दूर हैं। ग़रीबी की चक्की में पिसते दुनिया में मजदूर हैं।। अपने नाजुक कंधों पर दुनिया की बोझ उठाते हैं, दिनभर की…
ज्योतिर्मय चिंतन-दिलीप कुमार गुप्त
ज्योतिर्मय चिंतन साँसों संग युद्धरत जीवन चहुं ओर कराहती दुनिया गमगीन शोर नियति संग संघर्षरत जिन्दगी हौसले के बल मिलती संजीवनी। छायी चतुर्दिक विपदा भारी परस्पर सहयोग की है तैयारी…
प्रभात-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
प्रभात हम प्रभात की दिव्य किरण बन जग को राह दिखाएँगे। वसुधा कलियाँ नई खिलाकर महक सदा बिखराएँगे।। तिमिर सदा ही दूर भगाकर जीवन सुमन खिलाएँगे। कदम-कदम पर खुशियाँ देकर…
जीवन का संघर्ष-भवानंद सिंह
जीवन का संघर्ष बदहवास सी हो गई है जिन्दगी गुमसुम सा रहना तन्हाई में सिसकियाँ लेना, लगता है ऐसे मानो परिस्थितियों के हाथों गुलाम सी हो गई है जिन्दगी। कर…
कहर कोरोना का-बीनू मिश्रा
कहर कोरोना का मानव जिसे आजमाता रहा अब तक, शायद सृष्टि ने आज मानव को आजमाया है, बेकल, बेबस, कैद अपने ही घरों में इंसान हैं, आज विज्ञान की गति-प्रगति,…
एक कवि की सोच-अशोक प्रियदर्शी
एक कवि की सोच एक कवि की सोच अद्भुत, विश्वसनीय, अकल्पनीय है। कवि तो मस्तमौला है, इसे मानो या न मानो, अद्भूत अलबेला है। सभी कहते हैं, जहाँ न पहुँचे…