वसुन्धरा आओ देश वासियों तुझे पुकारती वसुन्धरा। बिना बोले अपनी भाषा में देती संदेश दर्दभरा।। पेड़-पौधे कट रहे, पृथ्वी हो रही विरान है। स्वच्छ हवा, निर्मल पानी में बसते सबके…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
हम धरती की संतान हैं-कुमकुम कुमारी
हम धरती की संतान हैं सृष्टि के कण-कण में देखो, बसते यहाँ भगवान हैं। धरती हमारी माता है, हम इसकी संतान हैं। कितनी प्यारी धरा हमारी, इसका हमें गुमान है।…
पर्यावरण-मुकेश कुमार
पर्यावरण आओ पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं, अपने को स्वस्थ और जीवन को बेहतर बनाएं। अगर जीवन में हम सब एक भी पेड़ लगा देंगे, बच्चों के भविष्य को और बेहतर…
बच्चे सभी होते हैं खास-धीरज कुमार
बच्चे सभी होते है खास बच्चे सभी होते हैं खास सबको होती है इनसे आस। जब लगे किसी भी काम में लगती कभी ना भूख प्यास। हर बच्चे होते हैं…
मुदित मन-दिलीप कुमार गुप्त
मुदित मन जीवन पाटल सम सुशोभित पल्लवित पुष्पित कंटक में अगम्य पथ तपन तप्त बालुका विश्रांति मंजुल मरूवन में। मन कराल सम्मुख मृगतृष्णा एकल गमन पुनीत हरि वन में द्वन्द्व…
यक्ष प्रश्न-गिरिधर कुमार
यक्ष प्रश्न पूछे जाते रहे हैं सवाल कभी हमसे तुमसे युधिष्ठिर से परम्परा रही है यह नियति की उत्तर ढूंढ़ना होता है कभी हमें कभी तुम्हें कभी युधिष्ठिर को यह…
युवा शक्ति-बीनू मिश्रा
युवा शक्ति गुमनाम सा जीवन कब, यौवन को हुआ स्वीकार, नवयौवन तो है ऋतुराज बसंत, जीवन का श्रृंगार। जब भी युवा शक्ति किया प्रदर्शन, नवयुग का निर्माण हुआ, नव यौवन…
जीवन का सार-भवानंद सिंह
जीवन का सार जीवन को सफल बनाना है तो करना होगा कुछ ऐसा काम, मन, कर्म, वचन से रहो पवित्र गीता का भी यही है ज्ञान। अन्तर्मन का द्वार खोलो…
इंसान बनके दिखलाओ-अवनीश कुमार
इंसान बनके दिखलाओ हुए स्वार्थी और लोभी आज के मानव समझ नहीं ये बन बैठे हैैं कैसे महामानव काम, क्रोध, मोह, लोभ के पाश में नित बंधते ये मानव क्षणिक…
शिक्षक सेवक है-अशोक प्रियदर्शी
शिक्षक सेवक है शिक्षक सेवक है, सृष्टि के बारे में बताने का उस शिक्षक को नमन है। शिक्षक सेवक है अपनी मां का, उस शिक्षक को नमन है। शिक्षक सेवक…