दुनियाँ कितनी नश्वर है- एम एस हुसैन कैमूरी

दुनियाँ कितनी नश्वर है    ये दुनियाँ कितनी खूबसूरत है कण कण में समाहित मूरत है कोई गोरा है तो कोई काला है ये ईश्वर की बनाई हुई सूरत है। …

सर्दी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि

सर्दी चुपके-चुपके आती सर्दी, सबको बहुत सताती सर्दी। अमीरों को यह ख़ूब है भाती, गरीबों को यह बहुत सताती। आग की थोड़ी गर्मी पाकर, छिपकर दुम दबाती सर्दी। अमीरों को…

नश्वर दुनियाँ-अर्चना गुप्ता

नश्वर दुनियाँ  कितनी नश्वर है प्रभु तेरी दुनियाँ फिर भी पल-पल द्वेष बढ़ आए स्वार्थपाश में बँधे हुए सब ही तो रह एक-दूजे संग सदा दंभ दिखाए कालचक्र की गति…

माँ मुझको अब पढ़ना है-डाॅ. अनुपमा श्रीवास्तव

माँ मुझको अब पढ़ना है माँ मुझको अब पढ़ना है सबसे आगे बढ़ना है, देखा था जो तुमने सपना उसको पूरा करना है। अंतर करेगी दुनियाँ कैसे जैसा “बेटा” “बेटी”…

सर्दी की शरारत-अपराजिता कुमारी

सर्दी की शरारत 💨कोहरे का लिहाफ ओढे ठिठुराती कपकपाती, कनकनाती सर्दी 🌤️सूरज को आगोश में छुपाती धरती को ठंड की चादर ओढाती सर्दी ⛅दिन सिकुडाती, रात ठिठुराती सर्द हवाओं के…

मानव तन-विजय सिंह नीलकण्ठ

मानव तन मानव तन होता है नश्वर  जिसे बनाया सबके ईश्वर  काली मंदिर है दक्षिणेश्वर  सबसे ऊपर हैं परमेश्वर।  करें इसका सब सदुपयोग  न करना है दुरुपयोग  सदुपयोग से स्वास्थ्य…