तन माटी का एक खिलौना-रानी सिंह

तन माटी का एक खिलौना जन्म-मरण का फेरा यारों चलता बारंबार यहाँ तन माटी का एक खिलौना टूटा कितनी बार यहाँ। लिया जन्म जो मृत्युलोक में उसको तो जाना होगा…

बचपन-प्रियंका दूबे

बचपन जीवन का आरंभ है ये भविष्य की बुनियाद है ये  बचपन है जिसका नाम नहीं है सबके लिए आसान। स्वपनिल आँखो में सुन्दर जीवन की आस लिए, नन्हे कदमों…

दीपक-नूतन कुमारी

दीपक मनन-चिंतन करों बच्चों, यह दीपक कैसे जलता है, फ़िज़ा को यह करें रौशन, तले अंधेरा रहता है। हरेक मौसम, हरेक बेला, तमस को दूर करता है, तिमिर को शोख़…

हे वसुधा तूझे शत शत प्रणाम-नरेश कुमार “निराला”

हे वसुधा तूझे शत-शत प्रणाम भू, भूमि, क्षिति, धरणी, धरित्रि ये सब धरा के पर्यायवाची नाम, वसुंधरा से हमें मिलती है जीवन वेदों ने माना इसे माँ के समान हे…

उन्मुक्त गगन-मनु कुमारी

उन्मुक्त गगन श्रृष्टि के सभी प्राणियों को भाता है स्वतंत्र रहना, पशु हो या पक्षी सभी चाहते हैं उन्मुक्त गगन में रहना। इसलिए तुम, उड़ लेने दो बेटियों को भी…

वृक्ष लगाओ-मधु कुमारी

वृक्ष लगाओ वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ जीवन अस्तित्व के लिए ऑक्सीजन के श्रोत बढाओ पर्यावरण को ही नहीं अपितु मानव अस्तित्व को बचाओ इसलिए वृक्ष लगाओ। धरती को सुंदर दुल्हन…