गंगा मोक्षदायिनी गंगा सर्वस्व समाहित कर जगत को निरंतर करती दुलार मां समान। कल्याणकारी गंगा इक बूंद से तृप्ति हो ऐसी ज्यों बुझी तृष्णा अनंत जन्मों की। पतितपावनी गंगा…
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मैं भारत हूँ-देव कांत मिश्र
मैं भारत हूँ मैं भारत हूँ, सदा रहूँगा, ऐसा ही बतलाऊँगा। माटी के कण-कण से सबको, अभिनव गुण सिखलाऊँगा।। पत्ते कहते मैं भारत हूँ, हरा रंग दिखलाऊँगा। हरित भाव को…
जड़ के कार्य-बीनू मिश्रा
जड़ के कार्य भूमि के नीचे जड़ें है होती, जड़ ही मिट्टी को जकड़े रहती, जड़ की सतह पर छोटे रोएं होते, हम जिसे मूल रोम हैं कहते, नींव…
पृथ्वी-अनुज कुमार वर्मा
पृथ्वी सौरमंडल का एक ग्रह पृथ्वी जिसका नाम है। दुनिया कहते हम इसको, जीवन करती प्रदान है। पेड़ पौधों से घिरा यह, नदियाँ बहती निर्मल। जीव जन्तु रहते जीवित, पीकर…
सुभाष चंद्र बोस-सुधीर कुमार
सुभाष चंद्र बोस सुभाष चंद्र बोस के जीवन की है एक सुंदर घटना। बात है ये उन दिनों की जब काम था बस पढ़ना-लिखना। जिस रस्ते से पढ़ने जाते उसमें…
जिंदगी-रीना कुमारी
जिंदगी सुख-दुख में पलती है जिंदगी, कहीं खुशी कहीं गम है जिंदगी। कहीं अपनों का साथ है जिन्दगी, कहीं परायों का साथ है जिन्दगी। कटती सबको साथ लिए जिन्दगी, कभी…
जिंदगी की परिभाषा-नूतन कुमारी
ज़िंदगी की परिभाषा कभी धूप तो कभी छांव है ज़िंदगी। कभी शहर तो कभी गाँव है ज़िंदगी। कभी खुशियाँ तो कभी गम है ज़िंदगी। कभी सुंदर सा सरगम है…
ऑनलाइन क्लास-धीरज कुमार
ऑनलाइन क्लास सोचा किसने था की बच्चे और शिक्षक पास रह कर भी दूर हो जाएंगे? किसको पता था की आएगी महामारी और स्कूल बंद हो जाएंगे? एक दूसरे से…
चौपाई-देव कांत मिश्र दिव्य
केवट कथा आएँ निर्मल कथा सुनाएँ। भक्तों का हम मान बढ़ाएँ।। राम कथा में ध्यान लगाएँ। मनहर सुखद शांति नित पाएँ।। नाविक था गरीब वह केवट। नौका गंगा करता खेवट।।…
आविष्कार-बीनू मिश्रा
आविष्कार क्षुधा पेट की शांत हुई तो जिज्ञासु मन हार न फिर मानी थी, हरदम कुछ ना कुछ खोज निकाला खास जरूरत पूरी करके, उसने सुस्ती नहीं दिखाई काट-पीट और…