मछली रानी मछली रानी मछली रानी, जीवन है उसका पानी। जल में वह भाग दौड़ करती, ऊपर नीचे तैरा करती।। जल ही उसका घर द्वार, उसमें करती है बाजार।…
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वसुधा-डॉ.अनुपमा श्रीवास्तवा
वसुधा मैं “उसर” वसुधा थी जग में जबतक तूझे ना जन्म दिया, किया आबाद “कोख” को मेरे मुझको “माँ” का नाम दिया।। तरू, द्रुम, पेड़, वृक्ष और शाखी यहाँ शृष्टि…
चिड़िया की आंख-सुधीर कुमार
चिड़िया की आंख कौरव और पांडव थे, चचेरे भाई जाने जाते। द्रोणाचार्य थे गुरु सबके, जो राज गुरु कहलाते। कौरव और पांडव को वे, सिखलाते धनुष चलाना। उनका था उद्देश्य…
अपना गांव तथा बचपन–शुकदेव पाठक
अपना गांव तथा बचपन अपना गांव लगता बड़ा प्यारा गुजरा यहां है बचपन हमारा गांव के अपने चाचा–ताऊ खुश होते देख भाई–भाऊ। गांव का वातावरण होता ऐसा रहते साथ…
लक्ष्य-रूचिका
लक्ष्य लक्ष्य जीवन का सदा एक बनाइये, अपने लक्ष्य की पूर्ति में जुट जाइये। मेहनत कभी जाया नही जाता बच्चों, मेहनत को ही अपनी आदत बनाइये। रोज के अभ्यास से…
बचपन की यादें-नूतन कुमारी
बचपन की यादें प्रदान करें फ़कत प्रेम सा शीतल, खूबसूरत बचपन की यादें हर पल, दहलीज़ असीमित हुआ करती थी, मन यूँ बावरा हो जैसे नाचे महीतल। भविष्य की…
उम्मीदों का आकाश कभी झुकता नहीं-ब्रह्मकुमारी मधुमिता
उम्मीदों का आकाश कभी झुकता नहीं हौसले की उड़ान भर तू राही, कभी थमना नहीं… चलता चल जीवन पथ पर, क्योंकि… उम्मीदों का आकाश कभी झुकता नहीं.. बाधाएं तो…
सुख दुःख-लवली वर्मा
सुख दुःख संघर्ष भरे इस जीवन में, सुख-दुःख आते जाते हैं। कभी पुष्प से खिलते हम, दुःख से कभी मुरझाते हैं। क्षण आता है कभी ऐसा, विचलित हम हो जाते…
शिक्षा व्यवस्था कैसी हो-स्वाति सौरभ
शिक्षा व्यवस्था कैसी हो? कैसी हो शिक्षा व्यवस्था? करते हैं आज हम चर्चा, न कठोर सजा का प्रावधान हो, न फीस शिक्षा में व्यवधान हो। न विद्यालय मीलों दूर हो,…
अहंकार-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा
अहंकार मिलती है इस धरती पर एक से एक निशानी, सुना है हमने हर युग में अहंकार की कहानी। सतयुग में नृप प्रजापति थे बहुत बड़े अभिमानी , बना लिया…