बच्चों की फुलवारी कितना महक रही है देखो तो मुनिया बेटी विद्यालय में चहक रही है देखो तो।। चहक – चहक कर बोल रही हर दिन विद्यालय आउंगी पढ़ना –…
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पर्यायवाची शब्द -सुधीर कुमार
सूरज का है समानार्थी रवि , सूर्य दिनमान । इसी तरह ईश्वर का होता प्रभु , देव , भगवान ।। समानार्थी पौधा का है पादप , वृक्ष और तरु । …
सेवानिवृत्त शिक्षिका का सफर
सेवा काल से सेवानिवृत्ति तक, अपनी छटा दिखा गई। अपने आरजू के बल पर, सपनों की मंजिल को पा गई। विद्या की प्रतिमूर्ति बन, बालिकाओं में आशा के दीप जला…
बाल विवाह
कथी ल कैलहो बियाह हमर पक्का उमरिया नय होल छै बियाह के हो पप्पा उमरिया नय होल छै बियाह के हो पप्पा ससुरा में हमरा से चूल्हा फुकबैतै छोट छोट…
Sarkari shikchak
सरकारी शिक्षक हम सरकारी स्कूल के शिक्षक शिक्षा की तसवीर बदलने वाले है कम से कम संसाधनों में भी बच्चो की तकदीर बदलने वाले है। स्कूल भवन हो जर्जर चाहे…
खिलना – अशोक कुमार
टन टन टन टन, घंटी बजी । चलो चलें स्कूल, बच्चों को भेजें स्कूल। इसे ना जाना भूल -2 सुनो रे चाचा , सुनो रे चाची । बच्चों को भेजें…
कर दे तू उपकार प्रकृति के साथ-सुरेश कुमार गौरव
कर दे तू उपकार प्रकृति के साथ”(कविता) ✍️सुरेश कुमार गौरव प्रकृति का अनोखा और अनुपम है ये उपहार, पेड़-पौधे,नदी, मैदान, वन-जंगल और पठार। फिर सूर्यताप, मिट्टी, हवा,जलश्रोत देती उर्वरा, तब…
हे देश !
हे देश ! हे देश नमन मेरा तुझको तुमने मुझपर उपकार किया, माँ की ममता दी मिट्टी ने सरहद ने पिता का प्यार दिया। गंगा-यमुना सी बहनें दी एक समृद्ध…
गणित की आकृति-धीरज कुमार
गणित की आकृति आओ बच्चो आज पहचाने गणित की आकृति। आस-पास में देख कर पहचान कर लो तुम भी। गोल-गोल दिखती है मेरे मम्मी की रोटी। रोटी की आकृति…
सुस्वागतम-सुस्वागतम-मधु कुमारी
सुस्वागतम-सुस्वागतम नव वर्ष का हो रहा नवल आगमन है आशा होगा जन जन का जागरण करते हैं हम संग उल्लास के स्वागतम संग आशाओं से है हर्षमय आगमन सुस्वागतम…सुस्वागतम…सुस्वागतम !…