सजी धजी यह धरा सुहानी , कितनी प्यारी लगती है। विश्वकर्मा जी की कृपा मात्र से , यह छटा निराली लगती है।। अभियंता का काम जगत में, यह अभियंता ही …
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मैं हूँ हिंदी- विवेक कुमार
मैं हूँ हिंदी, कहने के लिए, आपकी बिंदी, सर का ताज हूँ, राज-काज का साधन, भाषा की अभिव्यक्ति हूँ, पतंगों की डोर संग, भावनाओं की उड़ान हूँ, देश की आन-बान-शान,…
यही हमारी हिन्दी है- संजीव प्रियदर्शी
. जिस वाणी में बोल रहा हूँ यही हमारी हिन्दी है। माॅम- डैड संस्कार न अपना, माँ- बाबूजी हिन्दी है।। मिस्टर- मैडम कहना छोड़ो, श्री- महोदया हिन्दी है। आंटी…
मेरी नानी – मनु कुमारी
कितनी प्यारी मेरी नानी रोज सुनाती हमें कहानी। परीलोक की सैर कराती, बात -बात में हमें हँसाती। मम्मी जब भी डाँट लगाती, नानी आकर हमें बचाती। मीठी-मीठी बातें कहतीं,…
दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
हिंदी अमरतरंगिनी, जन-जन की है आस। सच्चे उर जो मानते, रहती उनके पास।। हिंदी भाषा है मधुर, देती सौम्य मिठास। शब्द-शब्द से प्रीति का, छलक रहा उल्लास।। जन-जन की भाषा…
भारत की पूर्ण पहचान हिंदी – सुरेश कुमार गौरव
हिन्दी बनी मातृभाषा, तब भाषा की जननी थी। इस समृद्ध भाषा ने देश को एक नई पहचान दी।। चहुँ ओर पहुंँचकर यह जन-जन की पुकार बनी। साहित्यकार, कवियों और…
प्यारी भाषा हिंदी – अमरनाथ त्रिवेदी
हिंदी हैं हम वतन हैं , यह हिंदोस्ता हमारा। यह भाषा बहुत सरल है, यह सौभाग्य है हमारा।। हिंदी जितनी सहज है, उतनी न कोई भाषा। विश्व रंगमंच पर ये…
हिंदी दिवस – दीपा वर्मा
हिंदी दिवस आया आज है, सब भाषा पर इसका राज है। मातृभाषा कहलाती है, देश का मान बढाती है। अपनी बोली, अपनी भाषा, लगती बड़ी सुहानी है। विदेशी भाषा भी…
हिंदी हमारी धड़कन है – एम.एस. हुसैन ‘कैमूरी’
हिन्दी है पहचान हमारी यही हमारी धड़कन है। हिन्दी में ही मैं पला – बढ़ा इसी को सबकुछ अर्पण है।। कार्यालय या सचिवालय हो, हिन्दी में ही , उसके…
हिंदी अपनी धरोहर – मधु कुमारी
गूँज रही हिंदी जग में हो रहा जय जयकार। देखे थे जो स्वप्न हमने, धीरे-धीरे हो रहा साकार। कवि की सुंदर वाणी हिंदी, निकाले मन के सारे विचार।। तुलसी-कबीर-रसखान…