जादूगर ध्यानचंद

रूप घनाक्षरी जादूगर ध्यानचंद संगम प्रयाग भाग्य ,खुल गया तब जब, उनतीस अगस्त को, जन्म लिया नवजात। भारत माता की रक्षा,करने को लिए दीक्षा, सेनाओं की सीमा लॉंघ, हॉकी खेल…

विनायक से विनय

विनायक से विनय- गीत हे गणनायक गौरी नंदन, होकर व्यथित पुकारे। हे विघ्नेश्वर! कृपा करो अब, हर लो क्लेश हमारे।। जीवन सुखमय चाह रहे हैं, लेकिन उलझा जाए। करूँ कार्य…

पहचान बचा कर रख लेना

पश्चिमीकरण,औद्योगीकरण और नगरीकरण के बढ़ते प्रभाव के कारण हमारी ग्रामीण संस्कृति की पहचान खत्म होती जा रही है। पाश्चात्य अंधानुकरण की होड़ में हम अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे…

हमारा प्यारा हिंदुस्तान- शैलेन्द्र भूषण

चंद्रकिरण से जग है जगमग प्राची से उगता दिनमान हरित देख वसुधा का आँचल सबके होठों पर मुस्कान हमारा प्यारा हिन्दुस्तान। जन्मभूमि यह वीरों की जिसका करता जग गुणगान राम,कृष्ण,महावीर,बुद्ध…