अविरल – शिल्पी

उम्र जो थी चुनने की भविष्य एक वह चुनता रहा कबाड़ बीनता रहा कचरा इतर किसी सुगंध-दुर्गंध के भेद के भांति किसी कर्मठ कर्मयोगी के। आशंका- अनुशंसा या किसी संशय…

दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

दिव्य पर्व जन्माष्टमी, प्रकट हुए घनश्याम। गले सुशोभित हार में, लगते हैं अभिराम।। भाद्र पक्ष की अष्टमी, मथुरा कारावास। कृष्ण लिए अवतार जब, छाया सौम्य उजास।। मथुरा कारागार जब, कृष्ण…

हे कृष्ण! आप महान हैं सदा – सुरेश कुमार गौरव

हे कृष्ण! आप महान हैं सदा इस जीव जगत में मानव जीवन लीलाओं को खुद करके दिखाया बचपन से अंतिम वय तक जीवन कर्म सिखाया असत्य पर सत्य की विजयपथ…

जग का पालनहार कन्हैया – दीपा वर्मा

धीरे आते माखनचोर, खाते माखन, मटकी फोड़। खुश हो आती, मैया दौड़, घबराती, बैंया मरोड़। छुप के आँसू भी बहाए, क्यों लल्ला, मेरे हाथों पिटाए। माखन ही तो, खाया है,…

कान्हा का जन्म दिन- गुड़िया कुमारी

जन्म दिन कान्हा का आया, चहुँओर सुमंगल छाया। जिनकी मुरली सुनाए तान, जिनसे मिली गोपियों को पहचान। मोर पंख बढ़ाए शान, जो है इस जगत में महान। यशोदा मैया के…