काव्य रची अनमोल, सौम्य सरस-सा बोल, छायावादी रस घोल, नारी वंदनीय है। सप्तपर्णा, दीपशिखा, सांध्यगीत, अग्निरेखा, संकल्पिता स्मृति रेखा, यामा पठनीय है। श्रेष्ठ उपन्यासकार, उपकारी व्यवहार, शिक्षा और सदाचार, सदा…
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अमर शहीदों को नमन- सुरेश कुमार गौरव
वीरों की इस भूमि पर, गूँज रही शौर्य हुंकार, शान से बलिदानियों ने, लिखे नये संस्कार। भगत, सुखदेव, राजगुरु, थे अद्भुत रणवीर, फाँसी के फंदे को, हँस पहना जैसे शूर…
शौर्य का जयघोष – अवनीश कुमार
जब भी लगे तुम्हें, विश्वास तुम्हारा डगमगाने लगा है, लेकर आशा की मशाल, दशरथ माँझी-सा आना तुम एक और प्रहार करना तुम, हर दीवार गिराना तुम हर दीवार गिराना तुम।…
हाँ मैं बिहार हूँ- भवानंद सिंह
देश का गौरव हूॅं मैं मेरा स्वर्णिम इतिहास है, चंद्रगुप्त मौर्य के शासन का चाणक्य की नीति का साक्षात मैं प्रमाण हूॅं, हाॅं मैं बिहार हूॅं। विश्व का प्रथम लोकतंत्र…
बिहार की शान- अमरनाथ त्रिवेदी
अखिल भारतवर्ष में, बिहार की अलग पहचान है। यह महावीर संग बुद्ध की माटी है, यह बिहार की शान है। उत्तर में नेपाल है स्थित, दक्षिण में झारखंड है। पूरब में बंगाल है स्थित,…
सुनीता तेरे धैर्य – मनु रमण
चहुँओर हैं छाई खुशियाँ,नवकलियांँ मुस्काई है। फ्लोरिडा के तट पर देश की बेटी, आज उतरकर आई है।। साहस शौर्य से भरी वो युवती, धैर्य दृढ़ता का पहन लिबास। नौ माह…
मेरा बिहार मेरी पहचान – भोला प्रसाद शर्मा
बिहार की माटी का क्या कहना, हर कण में बसा एक गहना। ज्ञान की गंगा यहीं से बही, बुद्ध की धरती यही रही । पाटलिपुत्र के गौरव की गाथा ,…
वन हैं धरती की पहचान – सुरेश कुमार गौरव
वन हैं जीवन की पहचान, इनसे धरती रहे महान। शुद्ध हवा औ’ निर्मल पानी, इनसे हरियाली मुस्कानी।। पंछी गाते मीठे स्वर गान, वन देते सबको वरदान। फल-फूलों की यह सौगात,…
होली सबकी प्यारी है- देवकांत मिश्र ‘दिव्य’
आओ स्नेहिल रंग उड़ाओ, पावन होली आई है। बच्चे बूढ़े नर नारी पर, कैसी मस्ती छाई है।। सुंदर है बच्चों की टोली, सबके कर पिचकारी है। गली-गली में शोर मचा…
होली आई रे – विवेक कुमार
फाल्गुन की बयार हो, रंगों की फुहार हो, संग मौसम मेहरबान हो, और मन भी बेकरार हो, जोगिरा स र र उद्गार हो, तो समझना मेरे भाई, कि आई होली…